नासा ने एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारियां कर ली है, अब नासा दूर अंतरिक्ष में इंसानों के भेजने पर विचार कर रहा है, यानि नासा के अंतरिक्ष यात्री कुछ ही समय में एक ऐसे ग्रह पर चहलकदमी कर पाएंगे जहां पहुंचना किसी इंसान के वश में नहीं है। शनिवार को ही नासा ने जानकारी दी कि यह अंतरिक्ष में सफर करने वाले अपने स्पेसक्राफ्ट ओरायन की टेस्ट उड़ान में इन यात्रियों को भेजने की सोच रहा है।
इससे पहले नासा ने 7 ऐसे ग्रहों को खोज निकाला था जो बिल्कुल धरती से मिलते जुलते हैं। और इस बार भी नासा कुछ ऐसा ही अद्भुत काम करने के लिए जुटा हुआ है। जानकारी के मुताबिक स्पेसक्राफ्ट का लक्ष्य होगा चांद के नजारों में घूमना। एजेंसी, अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की अपनी क्षमता पर काम कर रहा है ताकि यात्री कम से कम मंगल तक जा सकें। जहां अब तक किसी भी अंतरिक्ष यात्री ने भ्रमण नहीं किया है। अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए नासा ने कमर कस ली है और नासा अब पहले अपने संपूर्ण स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ओरायन स्पेसक्राफ्ट, एक्सप्लोरेशन मिशन-1 (ईएम-1) के जरिए स्पेस में किसी भी इंसान को भेजने की संभावना की जांच कर रहा है।
जांच में हर छोटी बड़ी बातों का ध्यान रखा जा रहा है, पहले मिशन के जरिए इंसान को दूर अंतरिक्ष में भेजने की तकनीकी संभावना, खतरा, लाभ, अतिरिक्त कार्य, संसाधन की जरुरत और टाइमिंग पर शोध चल रहा है। नासा के ह्युमन एक्सप्लोरेशन एंड ऑपरेशंस मिशन डाइरेक्टोरेट के असोसिएट एडमिनिस्टर विलियम जर्सटनमेयर ने कहा कि हमारी प्राथमिकता हमारे एक्सप्लोरेशन मिशन को ओरायन स्पेसक्राफ्ट और स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट के जरिए सुरक्षित और प्रभावी तरीके से लागू करना है। आगे उन्होंने बताया कि यह सिर्फ एक मूल्यांकन है, कोई फैसला नहीं। क्योंकि अभी ईएम-1 के प्राथमिक मिशन में कोई अंतरिक्ष यात्री शामिल नहीं है।