जाने-माने दिवंगत संगीतकार खय्याम की पत्नी जगजीत कौर ने रविवार की सुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 93 साल की जगजीत बीते कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। जगजीत ने मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली।
जानकारी के मुताबिक आज सुबह 6 बजे जगजीत कौर का निधन हो गया। वहीं, इसके बाद करीब 12 बजे मुम्बई के विले पार्ले स्थित श्मशान में उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। आपको बता दें कि करीब दो साल पहले खय्याम साहब ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। जानकारी के मुताबिक खय्याम और जगजीत ने अपनी पूरी प्रॉपर्टी जरूरतमंदों के लिए डोनेट कर दी थी।
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जगजीत ने कुछ गानों को अपनी आवाज दी थी। जिन में से कुछ खय्याम ने भी कंपोज किए थे, जैसे बाजार फिल्म का गाना ‘देख लो आज हम को जी भर के’, 1961 में रिलीज हुई फिल्म शोला और शबनम का गाना ‘पहले तो आंख मिलाना’, और 1964 में रिलीज हुई वहीदा रहमान की फिल्म शगुन का गाना ‘तुम अपना रंजो-गम, अपनी परेशानी मुझे दे दो’ शामिल हैं।
खय्याम के निधन के बाद जगजीत कौर अपने परिवार में अकेली रह गई थीं। उनका एक बेटा भी था, जिसकी कुछ सालों पहले मृत्यु हो गई थी। अब उनके परिवार में कोई नहीं बचा है। लेकिन उनके गानों और खय्याम साहब का संगीत हमेशा लोगों के दिलों में बसा रहेगा। खय्याम और जगजीत कौर की जुगलबंदी कमाल की थी। खय्याम साहब का म्यूजिक और जगजीत कौर की आवाज, दोनों जब मिल जाते थे, तो वाह क्या बात ही होती थी। मजा आ जाता था।
जगजीत कौर और खय्याम साहब ने एक दूसरे से लव मैरिज की थी। खय्याम साहब, जगजीत कौर को अपनी उमराव जान बुलाते थे। दोनों के बीच इतना प्रेम था कि जिंदगी में भले कितनी भी मुश्किलें क्यों न आईं, दोनों ने उन मुश्किलों का साथ में डटकर मुकाबला किया और आगे बढ़ते गए।