एक वेविनार के दौरान मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कश्मीर के पंडितों को वापिस न लौटने को लेकर सलाह दिया। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद प्रवासी मजदूर जब अपने काम लौट आए, तभी कश्मीरी पंडितों को भी लौट जाना चाहिए था.
बता दें कि बीजेपी के एजेंडे में कश्मीरी पंडितों को उनका अधिकार दिलाना भी है और इसके लिए हमेंश मौजूदा सरकार कांग्रेस को दोषी ठहराती रही है। इसको लेकर बहुत सारे कश्मीरी पंडित भाजपा का समर्थन भी करते है।
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हाल में ही केंद्र में विदेश राज्य मंत्री का पदभार संभालने वाली मीनाक्षी लेखी के साथ चर्चा के दौरान एक स्पीकर कि उन्हें की कब बसाया जाएगा जिससे वे अपनी संस्कृति को बचा सकें. इस पर लेखी ने कहा मुझे इस सवाल को सुनकर आश्चर्य है क्योंकि आप इस देश के अंग है और जहां चाहें वहां जा सकते है। कोई किसी को घर जाने से रोक नहीं रहा है। इसके अलावा आप को जिस चीज की जरूरत होगी वो मुहैया कराई जाएगी। साथ उन्होंने कहा मैं ऐसे ढेर सारे लोगों को जानती हूं जो देश में कई अलग-अलग जगहों पर बसे है। कई लोगों को अपने मातृभूमि बसने की इच्छा है तो कई लोग जहां है वहीं खुश है।इस बीच एक प्रतिभागी ने यह कहा भी कि कश्मीरी पंडितो को जबरन भगाया गया था और इस मुद्दे का प्रवासी मजदूरों के साथ कोई लेना देना नहीं है। मंत्री लेखी के बयान का विरोध कई कश्मीरी पंडितों ने सोशल मीडिया पर किया है।