पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत तालिबान और अफगानी सेना के बीच हो रही झड़प में हुई थी। दानिश को तालिबान ने गोली मार दी थी। अब खबर आ रही है कि उनके शव के साथ तालिबान ने बर्बरता की थी।
अफगानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबानियों ने पहले दानिश को गोली मारी फिर जब उन्हें पता चला कि वे भारतीय पत्रकार है तो उनके ऊपर गाड़ी भी चढ़ा दी। रिपोर्ट के मुताबिक, कमांडर ने बताया कि सिद्दीकी के शव के साथ यह बर्बरता उनके भारतीय होने के चलते की गई थी। क्योंकि तालिबानी भारत से नफरत करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में अफगान सेना के एक कमांडर के हवाले से यह दावा किया जा रहा है। पहले कहा जा रहा था कि शुक्रवार को अफगान बलों और तालिबान के बीच लड़ाई में गोली लगने के चलते सिद्दीकी की मौत हुई थी। सिद्दीकी को बीते रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया कब्रिस्तान में दफन किया गया। दानिश अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे।
बता दें कि 16 जुलाई को खबर आई थी कि हिंसा ग्रस्त इलाकों में रिपोर्टिंग करने वाले भारतीय प्रत्रकार दानिश सिद्दीकी को तालिबान ने गोलियां से छल्ली कर दिया है। गोली उनके सर में मारी गई थी। घटना अफगानिस्तान में कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में हुई थी।
काबुल स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में उनकी मौत का कारण गोली लगना बताया गया है।
गौरतलब है कि साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को Pulitzer Prize से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था। दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी जर्नलिस्ट के रूप में की थी, बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए थे।
दानिश की मौत की खबर सुनने के बाद मीडिया जगत सहित राजनीतिक हस्तियां भी दुख व्यक्त किया था। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर सिद्दीकी के काम को सराहा है।