ऑनलाइन गेमिंग और टीडीएस को लेकर न हों कंफ्यूज, यहां पढ़ें डिटेल स्टोरी…

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भारत में Online Gaming को कानून के दायरे में लाने की तैयारी तेज, जानिए इससे क्या बदलेगा और देश में कितना बड़ा है ऑनलाइन गेमिंग उद्योग - APN News
Online Gaming

-Ravindra Singh

भारत में ऑन लाइन गेमिंग का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर नए नियम भी लागू किए जा चुके हैं। वहीं नए फाइनेंस बिल 2023 में घोषित टैक्स की नई व्यवस्था का आकलन कई विद्वान और कुछ एजेंसी कर चुके हैं। हाल ही में लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन लॉ फर्म की रिपोर्ट में इस फाइनेंस बिल में घोषित टैक्स के बारे में तमाम जानकारियों दी गई हैं। अब ऑन लाइन गेमिंग में टीडीएस को लेकर भी चर्चा गर्म है। एलकेएक्स के एक्जीक्यूटिव पार्टनर एल बद्री नारायण ने फाइनेंस बिल में घोषित टैक्स के कुछ बिंदुओं पर जानकारी दी।

उन्होंने बताया, “जहां नए नियम ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को ज़रूरी पहचान दिलाएंगे, वहीं नियमों के पालन से जुड़ी अस्पष्टता चुनौती बनेगी। एक ही वित्तीय वर्ष में दो तरह के टैक्स नियमों के बदलावों का पालन कर पाना खिलाड़ियों के लिए उलझन भरा होगा और नियमों का पालन न कर पाने की वजह से खिलाड़ी पैसे भी गंवा सकते हैं। इसके अलावा, इसके लिए 20 करोड़ से भी ज़्यादा ऑनलाइन खिलाड़ियों की जानकारी जुटानी होगी, जो अपने आप में ही एक बड़ी चुनौती है।”

कई लोग टीडीएस काटे जाने का स्वागत कर रहे हैं तो वहीं कई जानकार इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। हालांकि एल बद्री नारायण का आगे कहना है, “ऐतिहासिक तौर पर, जब इस तरह के बदलाव किए जाते हैं, तब एक तरह के टैक्स बदलाव को लागू होने के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है। सरकार को इसके लिए इंडस्ट्री से परामर्श करना चाहिए था, ताकि उनकी चुनौतियों को समझकर, उनके हिसाब से नियम तय कर सकें।”

इसको लेकर एक व्हाइट पेपर भी लाया गया। इस व्हाइट पेपर में सरकार की उस पहल का स्वागत किया गया है जिसमें सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर लगने वाले डायरेक्ट टैक्स को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। साथ ही, इस व्हाइट पेपर में इन बदलावों के इंडस्ट्री और यूज़र पर असर और इससे आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया गया है। इसके अलावा, इसमें इन चुनौतियों से निपटने का तरीका भी बताया गया है।

आपको बता दें ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में भारत सबसे तेजी से बढ़ते सेक्टर्स में शामिल हो चुका है। वर्ष 2023 में 5जी इंटरनेट सेवा की शुरूआत के चलते इसका क्रेज वर्तमान पीढ़ी में काफी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। 2022 में 15 बिलियन डाउनलोड के साथ ही भारत दुनिया में मोबाइल गेम्स का सबसे बड़ा उभोक्ता बन गया। आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी ने 1 फरवरी 2023 को आम बजट 2023 पेश किया था तब इस बजट से ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर की कंपनियों को टीडीएस कटौती में छूट मिलने और गेम डेवलपमेंट फंड स्थापित करने की मांग की जा रही थी। इसको लेकर लुमिकाई की तरफ से भी एक रिपोर्ट जारी की गई।

इस रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2.6 अरब डॉलर का रेवेन्यू दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2026-27 तक इसके 8.6 अरब डॉलर रेवेन्यू हासिल करने की संभावना जताई जा रही है। घरेलू क्षमताओं को बढ़ावा देने और दुनिया के लिए अवसर विकसित करने के लिए
बजट 2022 में एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (AVGC) प्रमोशन टास्क फोर्स की घोषणा की गई थी।

वित्त मंत्रालय के अनुसार ऑनलाइन गेम से जीत की रकम को खिलाड़ियों की आय माना जाता है। वर्तमान आयकर कानूनों के अनुसार खिलाड़ियों और विजेताओं की आय पर टैक्स लगाया जाता है। एक ऑनलाइन गेमिंग कंपनी को 10,000 रुपये प्रति गेम की निर्धारित सीमा से अधिक की जीत पर
30 फीसदी की दर से इन जीत पर टैक्स कटौती होती है। इसका मतलब यह है कि हर बार जब कोई व्यक्ति एक गेम खेलता है और
10,000 रुपये से अधिक जीतता है, तो जीती गई राशि पर 30 फीसदी की दर से टीडीएस काटा जाता है।

आपको बता दें कि वर्तमान में यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन गेम खेलने के लिए 5000 रुपये का भुगतान करता है और 35,000 रुपये जीतता है तो टीडीएस केवल 30,000 रुपये पर लागू होगा। इसके बाद कंपनी 30,000 रुपये पर 30 फीसदी टीडीएस यानी 9,000 रुपये काट लेगी, शेष 21,000 रुपये व्यक्ति के बैंक खाते में जमा होंगे। इस कटौती से खिलाड़ी को जीतने के एवज में कम रकम मिलती है, जो उन्हें ऑनलाइन गेमिंग से दूर रहने को प्रेरित करती है। कंपनियां बजट 2023 से चाहती थीं कि 30 फीसदी टीडीएस को कम किया जाए। जबकि, 10,000 रकम की लिमिट को बढ़ाकर 50 हजार किया जाए।

लेकिन जहां एक तरफ, इसे ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा कदम माना जा रहा है, वहीं इसने एक उलझन भी पैदा कर दी है। आखिर इसमें समस्या क्या है इसको भी जान लेते हैं। दरअसल मौजूदा सेक्शन 194बी में बदलाव किए गए हैं और जबतक 1 अप्रैल 2023 तक ये बदलाव लागू होंगे, 1 जुलाई 2023 से सेक्शन 194बीए लागू हो जाएगा।

इसका मतलब है कि 1 अप्रैल से 30 जून 2023 के इन 3 महीनों में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को 194बी के बदले हुए नियमों का पालन करना होगा और
महज़ 3 महीनों में ही 2 नियमों के लिए खुद को तैयार करना होगा। इससे इंडस्ट्री और यूज़र्स, दोनों को ही नियमों के पालन से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। टीडीएस रिटर्न को लेकर भी भुगतानकर्ता को सतर्क रहना होगा। आपको बता दें कि यदि भुगतानकर्ता ने धारा 194BA के तहत शुद्ध जीत की राशि पर कर की कटौती की है, तो देय तिथि के भीतर फॉर्म 26Q में टीडीएस की तिमाही रिटर्न दाखिल करने के लिए भुगतानकर्ता जिम्मेदार होगा।

भुगतानकर्ता उस उपयोगकर्ता को प्रपत्र 16A में एक प्रमाणपत्र जारी करेगा जिसका कर ऑनलाइन गेम से काटा गया है। भुगतानकर्ता TRACES खाते से फॉर्म डाउनलोड कर सकता है। धारा 194 बीए के तहत टीडीएस जमा करने के स्वरूप को भी समझ लेते हैं। अगर व्यक्ति ने टीडीएस मार्च के अलवा किसी अन्य महीने में जमा किया जाता है तो नियम के मुताबिक जिस माह में कटौती की गई है उसके अंत से सात दिनों के भीतर राशि जमा करनी होगी। अगर यही राशि मार्च के महीने में जमा की जाती है तो व्यक्ति को 30 अप्रैल को या उससे पहले जमा करानी होगी।

यहां कुछ सवाल भी सामने आए, पहला सवाल, क्या जीत की राशि पर कर कटौती की कोई सीमा है? तो आपको बता दें कि विशेषज्ञों का कहना है कि नहीं, जीतने वाली राशि पर कर कटौती की कोई सीमा नहीं है। भुगतानकर्ता पूरी शुद्ध जीत राशि पर 30% की दर से कर काटेगा।

धारा 194B और 194BA में क्या अंतर है?

धारा 194बी लॉटरी और कॉसवर्ड पहेली से जीतने पर कर कटौती के लिए है जबकि धारा 194बीए ऑनलाइन गेम से जीते टैक्स कटौती के लिए है। यदि व्यक्ति ने वस्तु के रूप में जीत प्राप्त की है तो यह भुगतानकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह या तो उपयोगकर्ता से नकद मांगे या उपयोगकर्ता की नकद राशि, यदि कोई हो, को रोक ले।

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