लोकसभा के आगामी सत्र में शादियों के खर्चे पर लगाम लगाने के लिए एक बिल पेश किया जा सकता है। इस बिल के अनुसार अगर कोई शादी में पांच लाख से ज्यादा खर्चा करता है और बहुत से मेहमानों को बुलाता है तो उसको शादी खर्च में से 10 प्रतिशत डोनेट करना होगा। ये डोनेशन गरीब परिवार की लड़कियों की शादी के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
वैसे ये अब बहुत आम बात हो गई है कि लोग दिखावे के लिए शादियों पर हद से ज्यादा फिजूल खर्चा करते हैं। शादी दो व्यक्ति और दो परिवारों का मिलन है लेकिन आज कल लोग एक दुसरे से तुलना करते हैं कि किसने शादी पर कितना खर्चा किया है। लोग सालों की जमा पूंजी एक झटके में उड़ा देते हैं। इस तरह के खर्चे का प्रभाव अन्य लोगों पर भी पड़ता है। दिखावे की शादियों की होड़ में लोग पैसा पानी की तरह बहाते हैं जिसमे खाने-पीने की चीजें भी बर्बाद होती है।
इन सब को देखते हुए कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने इस विषय को गंभीरता से लिया, रंजीत रंजन बिहार के सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं और अब वह इस बिल को लोकसभा में पेश करेंगी। इस बिल को लेकर रंजीत रंजन कहती हैं इस तरह की महंगी शादियों से गरीब परिवारों पर अधिक खर्च की शादी करवाने का दबाव बढ़ जाता है। यह देश के लिए सही नहीं है।
यह बिल कंपलसरी रजिस्ट्रेशन एंड प्रिवेंशन ऑफ वेस्ट फुल एक्सपेंडिचर बिल 2016 के नाम से लिस्ट भी किया जा चुका है। यह प्राइवेट मेंबर बिल है, जो लोकसभा के अगले सेशन में पेश किया जाएगा।
अगर ये बिल कानून के रूप में लागू हो जाता है तो देश में होने वाली हर शादी को शादी के 60 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और शादी के खर्च के बारे में भी ब्यौरा देना होगा।