मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नेहरू नगर हिल्स में स्थित पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद संस्थान ने गिलोय घनवटी के कोरोना पर असर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। संस्थान के अनुसार कोरोना मरीजों के लिए हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से बेहतर गिलोय घनवटी है।
संस्थान ने करीब दो महीनों तक रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल किया। रिसर्च में यह सामने आया कि सिर्फ गिलोय घनवटी भी कोरोना संक्रमण को खत्म कर सकती है। दरअसल, कोविड के इलाज के लिए अक्टूबर 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुर्वेदिक दवाओं के उपयोग की इजाजत दी थी, लेकिन इससे दो महीने पहले ही भोपाल के इस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में जुलाई से सितंबर के बीच शोध की गई।
पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज दिसंबर 2020 तक सरकारी कोविड केयर सेंटर भी था। यहां भर्ती हुए 30 संक्रमित मरीजों पर हुए पहले क्लिनिकल ट्रायल के दौरान उन्हें 15-15 के दो ग्रुप (ग्रुप-ए और ग्रुप-बी) में बांटा गया। इस दौरान मरीजों का औसत ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95% था।
ग्रुप-ए के 15 मरीजों को दिन में दाे बार 500-500 एमजी गिलोय घनवटी दी गई। जबकि ग्रुप-बी के मरीजों को पहले दिन 800 एमजी और उसके बाद रोज 400 एमजी हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट यानी एचसीक्यूएस दी गई। इसके अलावा इन मरीजों को कोई और दवा नहीं दी गई। यह रिसर्च कोरोना संक्रमित मरीजों पर गिलोय घनवटी और एचसीक्यूएस के असर को जानने के लिए किया गया।
दवा देने के 10 दिन बाद सभी मरीजों की RT-PCR जांच कराई गई। इसमें गिलोय घनवटी ले रहे 94% और एचसीक्यूएस लेने वाले ग्रुप बी के 64% मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई।
कॉलेज के प्राचार्य और क्लीनिकल ट्रायल प्रोजेक्ट के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. उमेश शुक्ला ने यह रिपोर्ट सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज को भेजी है। इस साल यह रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जर्नल में भी पब्लिश हुआ।