कहते हैं नारी के बिना एक घर और दुनिया अधूरी है। नारी मकान को घर बनाती है और दुनिया को आगे बढ़ाती है। यही कारण है कि, नारी शक्ति का सम्मान किसी भी समाज के लिए सर्वोपरि होता है। साथ ही ये भी कहा जाता है कि, किसी समाज की तरक्की को मापना है तो महिलाओं की तरक्की को माप कर सही अंदाजा लगाया जा सकता है। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेताओं ने महिलाओं को सलाम किया।
अपने अनोखे डूडल से लोगों के दिलों पर राज करने वाला गूगल भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग में रंगा है। इस मौके पर गूगल ने भी एक खास डूडल बनाकर महिलाओं को समाज में उनके योगदान के लिए समर्पित किया है। इस डूडल में पारंपरिक बंदिशों की जंजीरों को तोड़कर सफलता की ऊंचाइयों को हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया है।
Google Doodle के 42 सेकेंड के छोटे वीडियो में, उन महिलाओं के हाथ दिखाए गए हैं जो पहली महिला वैज्ञानिक, डॉक्टर, अंतरिक्ष यात्री, इंजीनियर, कार्यकर्ता, कलाकार आदि रही हैं।
Google ने महिला दिवस पर बनाए डूडल (Doodle) के नोट में कहा, ‘आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर डूडल उन महिलाओं के इतिहास की झलक लिए हुए है जिन्होंने सभी चुनौतियों से पार पाते हुए प्रगति की अग्रदूत बनकर शिक्षा, नागरिक अधिकारों, विज्ञान, कला और अनेक क्षेत्रों में बेहतर भविष्य के लिए अपने काम के द्वारा मार्ग प्रशस्त किया।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर वह नारी शक्ति को सलाम करते हैं। महिलाओं ने देश का नाम रोशन किया है और बुलंदियों को छुआ है, उसपर भारत गर्व करता है। हमारी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है कि हम नारी शक्ति के लिए काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर महिला दिवस की बधाई दी। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। हमारे देश की महिलाएं अनेक क्षेत्रों में उपलब्धियों के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। आइए आज के दिन हम सब, महिलाओं व पुरुषों के बीच असमानता पूर्णतया समाप्त करने का सामूहिक संकल्प लें।
वहीं इस मौके पर समाज को आईना दिखाने वाली फिल्मों की भी बात हो रही है। जिसने असल मायने में दकियानूसी मानसिकता पर सीधा प्रहार हैं। इसमें अनारकली ऑफ आरा, पिंक, लिपिस्टक अंडर माई बुर्का, थप्पड़, मदर इंडिया और मिर्च मसाला जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मोें ने लोगों के बीच गलत तरह से परिभाषित हुई महिलाओं की छवि को बदलने की कोशिश की है।