केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा, “इस संबंध में सभी राज्यों के बीच एक समझौता हो जाने के बाद इसे वस्तु एवं सेवा कर (GST) में शामिल किया जा सकता है। एफएम सीतारमण ने यह भी कहा कि विकास को बढ़ावा देने की दृष्टि से केंद्र सरकार का वर्षों से सार्वजनिक व्यय बढ़ाने का प्रयास रहा है।

अभी GST के दायरे में नहीं पेट्रोलियम उत्पाद
इंडस्ट्री चैंबर PHDCCI के सदस्यों के साथ बजट के बाद के इंटरएक्टिव सत्र में बोलते हुए कहा कि राज्यों के सहमत होने के बाद, केंद्र के पास GST के तहत पेट्रोलियम उत्पाद शामिल होंगे। पेट्रोलियम क्रूड, मोटर स्पिरिट (पेट्रोल), हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल को अस्थायी रूप से बाहर रखा गया है और जीएसटी काउंसिल तारीख तय करेगी, जब से उन्हें जीएसटी में शामिल किया जाएगा।
पूंजीगत व्यय को बढ़ाया गया
वित्त मंत्री ने कहा, “यह पूरी (GST) परिषद है जो हां कह रही है क्योंकि यह पहले से ही वहां है। उन्हें क्या करना है एक दर निर्धारित करना है और एक बार जब वे मुझे दर बता देते हैं तो हम इसे जीएसटी में शामिल कर लेते हैं।” एफएम सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया।
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