देश के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है कि एक बड़ी कंपनी, जिसके विनिवेश का फैसला सरकार ने कर लिया है, को खरीदने के लिए उसके कर्मचारी ही बोली लगाएंगे। वह कंपनी है देश की विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एयर इंडिया । खबर है कि एयर इंडिया के 209 कर्मचारियों का एक समूह एक निजी फाइनेंसर के साथ साझेदारी करके राष्ट्रीय विमान वाहक Air India के लिए बोली लगाएगा। बोली प्रक्रिया की अगुवाई एयर इंडिया (Air India) की वाणिज्यिक निदेशक मीनाक्षी मलिक कर रही हैं। विमान के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर है।
कर्मचारियों के इस कदम से 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में फंसी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। अगर बात बनती है तो देश के कॉरपोरेट इतिहास का यह पहला मामला होगा, जब किसी सरकारी कंपनी को उसके ही कर्मचारी खरीदेंगे। कंपनी के तारणहार बनने जा रहे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक के मुताबिक, ‘दीवाली के बाद एयर इंडिया मुख्यालय में चार-पांच साथी बैठे थे। सभी यहां 30-32 साल से नौकरी कर रहे हैं। चर्चा होने लगी कि इस बार तो दिवाली मना रहे हैं। अगली दीपावली पर एयर इंडिया में क्या स्थितियां होंगी, कर्मचारियों का क्या होगा, कुछ पता नहीं। ज्वॉइनिंग के पहले दिन के अनुभव बताते-बताते सभी भावुक होने लगे। तभी एक अधिकारी ने कहा, जिस एयरलाइंस में पूरा जीवन गुजर गया, काश इसे हम खरीद सकते! इस पर एक अधिकारी ने कहा, इतनी भारी-भरकम रकम कहां से लाएंगे। तभी आइडिया आया कि क्यों न फाइनेंसर खोजकर कर्मचारी ही हिस्सेदारी खरीद लें। इस सुझाव पर सभी गंभीर हो गए।’

यह अधिकारी बताते हैं, हमारी सोच को जैसे पंख लग गए। हमने फाइनेंसर की तलाश शुरू कर दी। एक नाम पर सहमति बनी। प्राइवेट इक्विटी फर्म हमारे प्रस्ताव पर तैयार भी हो गई है। बोली की पूरी प्रक्रिया कमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मलिक के नेतृत्व में पूरी की जा रही है। कंपनी के अधिकारी 14 दिसंबर को खत्म हो रही बोली प्रक्रिया में शामिल होंगे। क्वालिफाइड बिडर्स के बारे में 28 दिसंबर तक पता चलेगा। यह योजना सफल रहती है तो कर्मचारी प्रबंधन कंसोर्टियम के पास एयरलाइन की 51% हिस्सेदारी रहेगी, जबकि फाइनेंसर के पास 49% हिस्सा रहेगा।
वाणिज्यिक निदेशक मीनाक्षी मलिक ने एयर इंडिया के टीम मेंबर्स को लिखे एक पत्र में कहा, पीआईएम (प्रारंभिक सूचना ज्ञापन) का शुक्र है कि, एयर इंडिया के कर्मचारियों के लिए एयरलाइन का प्रभार और स्वामित्व लेना संभव बना दिया और यह अंत में विभिन्न नियमों और शर्तों को मुहैया कराता है जिन्हें पूरा करने की आवश्यकता होती है। इसे हम सामूहिक रूप से करने का इरादा रखते हैं। यदि मीडिया रिपोर्ट्स सच हैं, तो हम संभवत सबसे बड़े कॉरपोरेट में से कुछ के खिलाफ बोली लगाएंगे।