बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीत का स्सपेंनस लंबे इंतजार के बाद खत्म हो गया है। इस इंतजार में आरजेडी के हाथ नीराशा ही लगी। बिहार चुनाव में बीजेपी ने 125 सीटें और महागठबंधन ने 110 सीटें हासिल की हैं। इस के साथ ही बीजेपी ने नया इतिहास रच दिया है। बीजेपी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है।
चुनाव के बाद एग्जिट पोल के अनुसार महागठबंधन की सरकार बनती हुई दिख रही थी पर बिहार में पासा पलट गया। आरजेडी के हार पर बीजेपी के कई नेताओं ने तंज कसते हुए कहा लालटेन का समय गया अब तो जनता को एलईडी चाहिए।
इस जीत के बाद नीतीश कुमार सातवी बार शपथ लेंगे। बीजेपी को 74 और जेडीयू को तीन सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी पहले ही यह साफ कर चुकी है कि सीटें कम आएं नीतीश कुमार ही सीएम बनेंगे। नीतीश लगातार चौथी बार और कुल सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे। वे राज्य के 37वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार यह घोषणा कर चुके हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है। वे पहले ही राज्य के दूसरे सबसे लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहे हैं। नीतीश ने अलग अलग कार्यकालों में 14 वर्षों से भी अधिक समय तक राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है। ऐसा पहली बार है कि उन्होंने चुनाव से अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। हालांकि, तेजस्वी यादव ने इस चुनाव में सबसे ज्यादा रैलियां कीं मगर महागठबंधन अब भी बहुमत से दूर दिख रहा है।
इस जीती का श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार की बहन बेटियों के दे रहे हैं। पीेएम मोदी ने ट्वीट कर के लिखा, “बिहार की बहनों-बेटियों ने इस बार रिकॉर्ड संख्या में वोटिंग कर दिखा दिया है कि आत्मनिर्भर बिहार में उनकी भूमिका कितनी बड़ी है।”
बिहार में महिला वोटरों को नीतीश कुमार का पक्का मतदाता माना जाता रहा है। कारण शराब बंदी है। महिलाएं हर बार गुप्त तरीके से नीतीश के पक्ष में वोट करती है। यही नतीजा इस बार के चुनाव में भी दिख रहा है। इसके अलावा महिलाओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कई योजनाओं पर विश्वास 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दिखा और अब फिर इसका असर पहुंचा है।
केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना, शौचालयों का निर्माण, पक्का घर, मुफ्त राशन, महिलाओं को आर्थिक मदद जैसी कई ऐसी योजनाएं हैं जिनका सीधा लाभ महिलाओं को होता है।
इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा की गई शराबबंदी के पक्ष में भी बिहार की महिलाएं बड़ी संख्या में नज़र आती हैं। ऐसे में फिर एक बार एनडीए की जीत में 50 फीसदी आबादी निर्णायक भूमिका निभाते नज़र आए हैं।
बता दें कि, हर बार की तरह इस बार भी विपक्षी दल अपने हार का ठीकरा EVM पर फोड़ रहा है। कांग्रेस नेत उदित राज ने मंगलवार को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, जब उपग्रह को नियंत्रित किया जा सकता है तो फिर ईवीएम हैक क्यों नहीं की जा सकती।
वहीं बिहार में एनडीए फिर सरकार बनाने जा रही है लेकिन इस चुनाव में नीतीश के 10 मंत्री मुह के बल गिरे गए हैं। बिहार में नीतीश कुमार एनडीए में एक तरफ छोटे भाई की भूमिका में आ गए हैं तो वहीं, नीतीश सरकार के 10 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। जेडीयू कोटे के 14 मंत्री चुनावी रण में उतरे थे, जिनमें से 6 जीत सके और 8 को हार का सामना करना पड़ा है जबकि बीजेपी कोटे के 10 मंत्री चुनाव लड़े थे, जिनमें से 8 को जीत मिली है और 2 को हार झेलनी पड़ी है।