सुप्रीम कोर्ट के फैसले के करीब 9 माह बाद 5 अगस्त से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या जा सकते हैं, और राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में हिस्सा ले सकते हैं। पीएमओ से ऐसे संकेत मिले हैं कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री अयोध्या जा सकते है।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में #राममंदिर के लिए #भूमिपूजन की तारीख 3 और 5 अगस्त की तारीखें तय कर पीएम @narendramodi को न्योता भेजा गया है। @PMOIndia को इस पर फैसला लेना है।
मंदिर #161फीट उंचा बनेगा और उसमें तीन के बजाए पांच गुंबद बनाए जाएंगे। pic.twitter.com/9KOMNL4KWk
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) July 18, 2020
आपको बता दें कि मंदिर के प्रस्तावित नक्शे और ऊंचाई में भी बदलाव किया गया है। अब राम मंदिर में 3 की जगह 5 गुंबद बनाने का फैसला लिया गाया है। राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इसके निर्माण को लेकर संशय बरकरार था. लेकिन शनिवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की बैठक में इसको लेकर अहम फैसले हुए। मंदिर अब दो नहीं बल्कि तीन मंजिला होगा। जिसकी लंबाई 268 फीट और चौड़ाई 140 फीट होगी। पहले ऊंचाई 128 फीट थी जो अब 161 फीट हो गई है। तीन मंजिला बनने वाले मंदिर में 318 खंभे होंगे। हर तल पर 106 खंभे बनाए जाएंगे।
बता दें कि गर्भगृह, आरती स्थल, सीता रसोई, रंगमंडपम् की संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले बनाए गए नक्शे के हिसाब से ही इसकी संरचना रहेगी। मंदिर निर्माण का कार्य तीन से साढ़े तीन साल में पूरा करने के लिए कम से कम पांच-छह बड़े ठेकेदारों की जरूरत होगी। दो मंजिला मंदिर का निर्माण दो-ढाई साल में ही पूरा करने का लक्ष्य था। मंदिर निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभालने वाली स्वदेशी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो मिट्टी के परीक्षण लेकर उसकी ताकत को परख रही है। मिट्टी की ताकत के आधार पर नींव का निर्माण 60 से 70 फिट नीचे तक किया जाएगा। पत्थर के कारीगरों से वार्ता हो गई जो कि भूमिपूजन के बाद जैसे ही कहा जाएगा वह अयोध्या आ जांएगे।