मध्य प्रदेश के बरवानी जिले के बलवाडी़ में एक भाजपा नेता के शव मिलने से हड़कंप मच गया। बलवाड़ी भाजपा नेता मनोज ठाकरे का शव वारला पुलिस स्टेशन सीमा क्षेत्र में एक मैदान में मिला है। कहा जा रहा है कि अध्यक्ष मनोज ठाकरे की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी। पुलिस को सर पर पत्थर मारकर हत्या करने की आशंका है। ठाकरे का शव बलवाड़ी-सेंधवा रोड पर मिला। जहां से पुलिस ने खून से सना पत्थर भी बरामद किया है। ठाकरे आज तड़के मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। हत्या के बाद मौके पर वरला थाना पुलिस पहुंची। बाद में एडिशनल एसपी भी बड़वानी से मौके पर पहुंचे और वहां मौजूद भीड़ को शांत कराया।

बता दें कि पिछले चार दिनों में भाजपा नेता की हत्या की दूसरी वारदात है। गुरुवार की रात को मंदसौर में नगरपालिका अध्यक्ष और बीजेपी नेता प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बीजेपी खराब कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस की नई सरकार पर निशाना साध रही है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठाकरे की मौत पर दुख जताया और कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”बीजेपी नेता मनोज ठाकरे के निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि! आज बड़वानी ने एक युवा नेता खो दिया। ईश्वर से दिवगंत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।”

शिवराज ने ट्वीट कर कहा, एक के बाद एक बीजेपी नेताओं की हत्या होना बहुत गंभीर मामला है। कांग्रेस इसको सतही तौर पर लेकर क्रूर मजाक कर रही है। गृह मंत्री के गृह जिले में सरेआम भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे को को मार दिया गया।

अपराधियों के हौसले बुलंद है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिलकुल ध्वस्त हो गई है। यह हमारे लिए बहुत चिंता का विषय है। तत्काल अपराधी पकड़े जाने चाहिए। सरकार ने इसको गंभीरता से नहीं लिया, तो बीजेपी को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनकी अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी। वे किसी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते, मगर राज्य में कहीं भी गड़बड़ हुई तो संघर्ष करेंगे। पुलिस ने बंधवार की हत्या के मामले में बीजेपी कार्यकर्ता मनीष बैरागी को गिरफ्तार किया है। उस पर पहले से ही हत्या के प्रयास, अपहरण सहित आधा दर्जन आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। सूत्रों का कहना है कि बैरागी और बंधवार के बीच सरकारी जमीन को लेकर विवाद था। बंधवार राजी नहीं हो रहे थे, उसी को लेकर बैरागी ने बंधवार को गोली मारी।