2021 की शुरुआत में भारत ने अपने COVID-19 वैक्सीन कार्यक्रम के लॉन्च के बाद से देश में 200 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोनारोधी टीके की डोज दे चुका है। भारत के टीके से देश-विदेश में लाखों लोगों को Corona वायरस से बचाया जा चुका है। 23 दिसंबर 2022 को भारत सरकार ने भारत बायोटेक के इंट्रानेजल वैक्सीन iNCOVACC को को अपनी हरी झंडी दिखा दी है।
क्या है iNCOVACC को लेकर भारत सरकार का रूख?
केन्द्र सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर डोज के लिए हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी की नाक से दी जाने वाली वैक्सीन iNCOVACC को मंजूरी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने सरकारी समाचार एजंसी प्रसार भारती को बताया कि इस वैक्सीन 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए मंजूर की गई है। मंत्रालय ने बताया कि बूस्टर डोज के रूप में यह वैक्सीन शुरूआत में निजी अस्पतालों में मिलेगी वहीं इसे आज से ‘को-विन’ (CoWin) ऐप पर शुरू किया जाएगा।
BBV154 नाम की इस कोरोनारोधी वैक्सीन iNCOVACC को भारतीय औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India) से आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल के लिए 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए इस साल नवंबर में मंजूरी दी गई थी। भारत सरकार द्वारा नेजल वैक्सीन को ऐसे समय में मंजूरी दी गई जब चीन और अन्य देशों में कोरोना के मामलों में रिकार्ड बढ़ोतरी हो रही है।
भारत सरकार ने चीन समेत अन्य देशों अप्रत्याशित रूप से बढ़ते कोविड मामलों की स्थिति को देखते हुए कोरोना संक्रमण के खिलाफ निवारक उपाय तेज कर दिए हैं। भारत में BF.7 वैरिएंट के चार मामले पाए गए हैं, जो कई देशों में मामले बढ़ने का प्रमुख कारण है।
iNCOVACC वैक्सीन के बारे में?
यह आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए 18 से अधिक आयु वर्ग में COVID-19 के खिलाफ प्राथमिक टीकाकरण के लिए है।
नाक के टीके जो अभी तक दिये जाते हैं उनका ही एक विकल्प हैं।
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इससे विशेष रूप से बच्चों या वयस्कों में टीके की सुइयों के डर से जिसे विज्ञान की भाषा में ट्रिपैनोफोबिया कहा जाता है का भी विकल्प है।
इस टीके को अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय (Washington University) के सहयोग से विकसित किया गया है।
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नाक का टीका अभी तक दिए जाने वाले टीके से कितना अलग है?
इस नाक के टीके को जैसा कि नाम से पता चल रहा है नाक या मुंह के माध्यम से दिया जाता है। इसके जरिये वैज्ञानिक मानव शरीर में वायरस के प्रवेश बिंदुओं (नाक या मुंह) पर एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को खड़ा करते हुए, म्यूकोसल अस्तर पर काम करने की उम्मीद है। यह संभवतः शरीर मे वायरस के प्रवेश स्थल पर ही संक्रमण को रोकता है, जिससे इसके प्रसार को भी रोका जा सकता है।
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वैज्ञानिकों ने इसे कहा है कि इस टीके के जरिये रोग प्रतिरोधक क्षमता को स्टरलाइज करना। शुरुआती अध्ययनों से पता चला है कि इस टीके की नाक से डिलीवरी पूरे शरीर में, विशेष रूप से नाक और सांस लेने वाली नली में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करती है।
इससे पहले iNCOVACC को 6 सितंबर को 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के तहत भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल से मंजूरी मिली थी। अभी तक देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड का ज्यादातर इस्तेमाल होता है।
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