दिल्ली-एनसीआर में खराब होती वायु की गुणवत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्थानीय एजेंसियों को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रदूषण से जुड़ी करीब 250 शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने वाले लापरवाह अधिकारियों पर मुकदमा चलाने को कहा है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया जाए, ताकि लोग शिकायत कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा था कि जो अधिकारी शिकायत के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहे हैं उनके खिलाफ अभियोजन होना चाहिए। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं कर रहे हैं। आपको ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा करना चाहिए। ताकि उन्हें इस बात का एहसास होगा कि उन्होंने क्या किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी से कहा है कि शिकायत के बावजूद जिन अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इससे पहले नादकर्णी ने कोर्ट को बताया कि एक नवंबर से लेकर 22 नवंबर के बीच सोशल मीडिया अकाउंट पर कुल 749 प्रदूषण से संबंधित शिकायतें आई है और उनमें करीब 500 शिकायतों पर कार्रवाई की गई है। तब सुप्रीम कोर्ट सुझाव दिया है कि जिन अधिकारियों ने शिकायत पर एक्शन नहीं लिया है उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
नादकर्णी ने कहा कि सीपीसीबी मामले को देखेगी। प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कोर्ट को 1 नवंबर को बताया था कि प्रदूषण की शिकायत के लिए सोशल मीडिया में टि्वटर और फेसबुक पर अकाउंट खोला गया है ताकि लोग वहां शिकायत कर सकें।
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल पल्युशन कंट्रोल बोर्ड से कहा है कि वह इस बारे में विज्ञापन दें ताकि लोगों को पता चले कि टि्वटर और फेसबुक पर शिकायत के लिए अकाउंट खोले गए हैं और लोग शिकायत कर सकते हैं।