कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में पीड़िता के परिवार ने वकील दीपिका सिंह राजावत को हटा दिया है। पीड़िता के पिता ने कहा कि दीपिका अदालत में सुनवाई के दौरान बमुश्किल ही उपलब्ध होती हैं।
परिवार के एक करीबी ने कहा कि पीड़िता के पिता ने पंजाब की पठानकोट अदालत में आवेदन दाखिल किया है, जहां मामले को स्थानांतरित किया गया था। आवेदन में कहा गया है कि रजावत उनका प्रतिनिधित्व नहीं करेंगी और उनसे वकालतनामा वापस लिया जा रहा है।
कठुआ पीड़िता के पिता ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि अदालत द्वारा मामले में अभी तक 100 बार सुनवाई हो चुकी है और सुनवाई के दौरान करीब 100 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है लेकिन रजावत परिवार की ओर से केवल दो बार ही पेश हुई हैं।
रजावत ने मीडिया को बताया कि जब से वह मामले से जुड़ी हैं तब से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। घुमंतू परिवार की मामले में अगुवाई करने की घोषणा के बाद रजावत ने अखबारों की सुर्खियां बटोरी थीं।
जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले के रसाना गांव में जनवरी माह में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
पुलिस की चार्जशीट में कहा गया था कि जम्मू के हिंदू बहुल इलाके से मुस्लिम चरवाहों को भगाने के लिए इस बच्ची से गैंगरेप और फिर बेहद नृशंस ढंग से हत्या की गई थी। इस घटना के विवरण इतने डरावने थे कि इसे लेकर देशभर के लोगों में गुस्से का माहौल था।
इस मामले में राजावत ने परिवार की तरफ से पीड़िता का केस लड़ने के लिए पहल की थी। इसे लेकर तब उनकी खूब चर्चा भी हुई थी। शुरुआत में यह केस जम्मू कोर्ट में चल रहा था, हालांकि स्थानीय लोगों के गुस्से और उनके दखल की आशंका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पठानकोट ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।