छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सीटों पर मतदान हो रहा है। मतदाताओं के रिझाने के लिए पिंक बूथ बनाए गये हैं। पिंक बूथ पर सुरक्षा से लेकर चुनाव कराने की हर जिम्मेदारी महिलाओं की हैं। बूथ को पिंक रंग से सजाया गया है साथ ही कर्मचारियों का ड्रेस कोड भी पिंक रखा गया है।
क्या है पिंक बूथ
पिंक बूथ पर तैनात चुनाव अधिकारी से लेकर सुरक्षाकर्मी तक सभी महिलाएं होती हैं। ये बूथ महिलाओं को ध्यान में रख बनाए जाते हैं लेकिन पुरुष भी इसमें मतदान कर सकते हैं। इन बूथों का डेकोरेशन करने गुलाबी रंग के कपड़े, टेबल क्लाथ, गुब्बारे आदि लगाए जाते हैं। यहां बच्चों के खेलने भी जगह होती है और वो भी गुलाबी रंग की।
पिंक बूथ का मकसद
पिंक बूथ को महिला सशक्तीकरण से भी जोड़कर देखा जाता है। इसका मुख्य मकसद हर महिला व पुरुष को वोट देने का सुखद अनुभव होना है। मतदाताओं को बूथ तक लेकर आने की पहल है ताकि चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो सके। मतदान के प्रति महिलाओं का उत्साह बढ़ाना मुख्य मकसद है। पहली बार पिंक बूथ की शुरुआत पूर्व चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने की थी। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसका पहली बार इस्तेमाल हुआ था।
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