आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले में पिछले 9 महीनों से एक गांव की महिलाओं के दिन के समय में नाइटी पहनना मना है। दिन में नाइटी न पहनने का आदेश गांव के बुजुर्गों ने दिया है। गावं के बुजुर्गों कहना है कि नाइटी केवल रात के लिए होती है। इसलिए उन्हें उसी समय पहना जाना चाहिए। वहीं इस 9 महीने पुराने आदेश के गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शुक्रवार को राजस्व अधिकारियों ने मामले की जांच करने के लिए गांव का दौरा किया।
दरअसल, गोदावरी जिले के तोकालापल्ली गांव के 9 सदस्यों की एक समिति ने एक रणनीति बनाई है। जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाएं सिर्फ रात के समय ही नाइटी पहने अगर कोई भी महिला सुबह के सात बजे से शाम के सात बजे के बीच में नाइटी पहने हुए दिखाई देती है तो उसे 2000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही सख्ती से कहा गया है कि 1800 महिलाओं में से कोई भी उनके आदेश का उल्लंघन न करे। इतना ही नहीं यदि कोई आदेश का उल्लंघन करने वाली महिलाओं के बारे में सूचना देता है तो उसे ईनाम के तौर पर 1000 रुपये देने की घोषणा भी की गई है।
वहीं तोकालापल्ली गांव के कुछ गांववालों का कहना है कि बुजुर्गों ने उन्हें दोषी पाए जाने पर सामाजिक बहिष्कार करने की धमकी भी दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बारे में सरकारी अधिकारियों को कुछ न बताया जाए।
गांव की सरपंच फंतासिया महालक्ष्मी ने कहा कि खुले में कपड़े धोना, नाइटी में सब्जी की दुकान पर जाना या बैठक में शामिल होना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने बुजुर्गों से इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। हालांकि उन्होंने किसी भी तरह का प्रतिबंध लगाने या फिर आदेश का उल्लंघन करने वालों के सामाजिक बहिष्कार की बात से इंकार किया है।
बता दें कि वैसे तो यह आदेश लगभग 9 महीने पुराना है लेकिन यह गुरुवार से सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसी वजह से शुक्रवार को राजस्व अधिकारी मामले की जांच करने के लिए गांव का दौरा करने पहुंचे।