दो साल पहले आज के ही दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक एक घोषणा कर नोटबंदी की बात की थी। आज इसके दो साल पूरे होने पर तमाम विपक्षी दल इसे ‘आपदा’ और काला दिवस बता रहे हैं। लेकिन सरकार नोटबंदी को बड़ी उपलब्धि बताती रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज ट्वीट कर विस्तार से इसके फायदे गिनाए हैं।
गुरुवार को नोटबंदी के दो साल पूरे हो गए। ठीक दो साल पहले मोदी सरकार ने हजार और 500 के नोट बंद कर दिए थे। पुराने नोट बैंक से बदलने का आदेश जारी हुआ था जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। दो साल पूरे होने पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए माफी मांगने की मांग की है। कई कांग्रेस नेताओं ने ट्वीट कर नोटबंदी पर नाराजगी जाहिर की है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मोदी सरकार पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने इसे ‘बीमार सोच’ वाला और ‘मनहूस’ कदम करार दिया है।
मनमोहन सिंह ने कहा, ‘नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर जो कहर बरपा, वह अब सबके सामने है। नोटबंदी ने हर व्यक्ति को प्रभावित किया, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, पेशा या संप्रदाय का हो। अक्सर कहा जाता है कि वक्त सभी जख्मों को भर देता है लेकिन नोटबंदी के जख्म-दिन-ब दिन और गहराते जा रहे हैं।’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के दिन को ‘काला दिवस’ करार दिया है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट कर नोटबंदी की ‘कीमत’ समझाई है। थरूर ने इस दिन को आपदा बताते हुए #DemonetisationDisasterDay के नाम से ट्वीट किया है। थरूर के मुताबिक, नोटबंदी के कारण नए नोट छापने पर 8 हजार करोड़ रुपए का खर्च आया, 15 लाख लोगों की नौकरी गई, 100 लोग जान से हाथ धो बैठे और जीडीपी में डेढ़ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था। 8 नवंबर की रात से ये पुराने नोट बंद हो गए थे। नोटबंदी के बाद से ही लगातार आरबीआई ने नोटों की गिनती करने में लगी हुई थी। नोटबंदी को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रहा है। मोदी सरकार ने कालाधन पर वार करने के लिए नोटबंदी की घोषणा की थी। दो महीने पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए लगभग सभी पुराने नोट वापस आ चुके हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि 8 नवंबर, 2016 को 15,417.93 अरब रुपए वैल्यू के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट सर्कुलेशन में थे। इसके बाद इनमें से जितने नोट वापस आए हैं, उनकी कुल वैल्यू 15,310.73 अरब रुपए है।
हालांकि कुछ रिपोर्टों में आकड़े सरकार के पक्ष में भी रहे हैं। इससे आम जनता से जुड़े कुछ फायदे हुए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज इसके फायदे के बारे में ट्वीट भी किया है।
As we complete 2 years of demonetisation today, it has been established that demonetisation, a key step in a chain of important decisions taken by the Government, had a huge impact in formalising the economy.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) November 8, 2018
होम लोन सस्ता हुआ
अर्थशास्त्री डी.के. जोशी के मुताबिक नोटबंदी ने होम लोन सस्ता करने में मदद की है. नोटबंदी की वजह से बैंकों में काफी बड़ी मात्रा में डिपोजिट आया है। इसका फायदा बैंकों ने आम आदमी को सस्ते कर्ज के तौर पर दिया है। ये इसी से साबित होता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल हाउसिंग दरों में 3 फीसदी तक कमी आई है। पिछले साल ये दरें जहां 10.5 से लेकर 12 फीसदी तक थीं, अब ये 8 से 9 फीसदी तक आ गई हैं।
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महंगाई पर लगाम कसी
अर्थशास्त्री डी.के. जोशी के अनुसार सरकार की तरफ से लगातार संदिग्ध ट्रांजैक्शन पर नजर रखी गई. इसकी वजह से इन ट्रांजैक्शन में काफी कमी आई। इसका फायदा महंगाई दर घटने के रूप में मिला. नवंबर, 2016 में महंगाई दर 3.63 फीसदी थी. वह जुलाई 2017 में घटकर 2.36 फीसदी पर आ गई।
कैशलेस ट्रांजैक्शन बढ़ा
नोटबंदी के चलते कैशलेश ट्रांजैक्शन बढ़ने में काफी मदद मिली है. नोटबंदी के दौरान कैश की किल्लत होने से न सिर्फ लोगों ने ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन किए, बल्कि सरकार की तरफ से भी इसके प्रोत्साहन के लिए काफी कदम उठाए गए।