उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के खिलाफ कांग्रेस नेता कमलनाथ एवं सचिन पायलट की याचिकाएं शुक्रवार को निरस्त कर दी। न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने मतदाता सूची टेक्स्ट प्रारूप में उपलब्ध कराने संबंधी पायलट की मांग भी ठुकरा दी। न्यायालय ने गत सोमवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कमलनाथ ने मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच कराये जाने और 10 फीसदी बूथों पर वीवीपैट के औचक निरीक्षण कराने का अनुरोध न्यायालय से किया था, जबकि पायलट ने सूची को टेक्स्ट प्रारूप में उपलब्ध कराने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया था कि पहली मतदाता सूची का मसौदा इस साल जनवरी में तैयार हो गया था, जबकि मई में उसमें संशोधन किया गया। मतदाता सूची ठीक कर दी गयी है। याचिकाकर्ताओं ने विधानसभा चुनावों से ऐन पहले मतदाता सूची में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था।
इन नेताओं ने अपनी याचिका में मतदाता सूची में कथित तौर पर मतदाताओं का नाम दो बार शामिल होने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए शिकायतों का उचित समाधान करने की मांग की थी।
मध्य प्रदेश में 28 नवंबर और राजस्थान में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होना है। इन दोनों राज्यों में वोटों की गिनती 11 दिसंबर को होगी। मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों से बीजेपी की सरकार है और राजस्थान में 2013 में भारी जीत के साथ बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी।
-साभार, ईएनसी टाईम्स









