Himachal Congress Meeting Live: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस किसे सीएम बनाने वाली है, इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई लेकिन सहमति नहीं बन पाई। अब विधायकों ने पार्टी हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया है। विधायकों ने सर्वसम्मति से सिंगल लाइन प्रस्ताव पास किया है। पर्यवेक्षक हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे जिसके बाद फैसला निकल पाएगा कि कौन हिमाचल में सीएम पद पर बैठेगा।
वहीं समर्थक प्रतिभा सिंह को सीएम बनाने की मांग रख रहे हैं। शिमला होटल में हुई बैठक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ प्रतिभा सिंह मौजूद रहे।
Himachal Congress Meeting Live….
- विधायक दल की बैठक में नहीं बनी सहमति।
- प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में नवनिर्वाचित विधायक एकत्रित हुए हैं।
- हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और पार्टी पर्यवेक्षक भूपेश बघेल और बीएस हुड्डा ने शिमला में राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की।
- प्रतिभा सिंह ने कहा मुख्यमंत्री का नाम बैठक में तय करेंगे। यहां कोई गुटबाजी नहीं है और हर कोई हमारे साथ है।
- कांग्रेस नेता एसएस सुक्खू का कहना है कि आलाकमान जिसे चाहेगा, वही हिमाचल का मुख्यमंत्री होगा।
- राज्य कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के समर्थक शिमला में ओबेरॉय सेसिल होटल के बाहर एकत्र हुए और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के काफिले को रोकते हुए उनके समर्थन में प्रदर्शन किया।
Himachal Congress Meeting Live: कौन है प्रतिभा सिंह?
हिमाचल में कांग्रेस के सीएम पद के लिए सबसे आगे नाम प्रतिभा सिंह का बताया जा रहा है। प्रतिभा सिंह हिमाचल पीसीसी की अध्यक्ष हैं। हालांकि इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ा है। लेकिन उनका नाम सीएम की रेस में आगे बताया जा रहा है। उनका नाम इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि प्रतिभा सिंह वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। वीरभद्र सूबे के 6 बार मुख्यमंत्री रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रतिभा सिंह ने चुनाव लड़ा और वह जीतीं थी। उन्होंने मंडी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2013 में उपचुनाव हुआ तब चुनाव में उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भारी मतों से हराया था।
किसे कितनी मिली सीट
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 68 में से 40 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है वहीं भाजपा सत्ता से बाहर हो गई है। भाजपा को महज 25 सीटें मिली हैं। चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही राज्य में चली आ रही परंपरा भी कायम रही है। क्योंकि यहां देखा जाता रहा है कि हर 5 साल में सत्तारूढ़ दल बदल जाता है। हिमाचल में यह इतिहास रहा है कि 1985 के बाद से अब तक जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार 2 बार सत्ता की चाबी नहीं सौंपी है।
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