जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल 1 अक्टूबर को खत्म हो गया। सोमवार को उनका सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन था। इसके बाद आज बुधवार को जस्टिस रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला। वो आते ही बड़े एक्शन में दिखे। बतौर सीजेआई जस्टिस गोगोई ने पहले केस की सुनवाई में ही सख्त अंदाज दिखाया और चुनाव सुधार की दायर याचिका खारिज कर दी। इसके अलावा उन्होंने याचिकाकर्ता व भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय को भी फटकार लगाई। बता दें कि जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के 46वें मुख्य न्यायाधीश हैं। अब चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टि के एम जोसफ बैठेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने आज तीन अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति गोगोई को प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ दिलायी। असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी और लोकपाल कानून के तहत लोकपाल संस्था की स्थापना जैसे विषयों पर सख्त रुख अपनाने वाले न्यायमूर्ति गोगोई करीब 13 महीने देश के प्रधान न्यायाधीश रहेंगे।
Shri Justice Ranjan Gogoi was sworn in as the 46th Chief Justice of the Supreme Court of India at Rashtrapati Bhavan today pic.twitter.com/Syx2lgwNOL
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 3, 2018
जस्टिस गोगोई 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाई कोर्ट के जज बने थे और 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में शपथ ली। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज लंबे कार्यकाल के बावजूद इनकी निजी संपत्तियां मामूली ही बनी रहीं। कामयाब वरिष्ठ वकीलों के मुकाबले तो इनकी संपत्तियां कुछ भी नहीं हैं। सीजेआई गोगोई के पास सोने की एक भी जूलरी नहीं है, वहीं उनकी पत्नी के पास भी जो कुछ भी जूलरी हैं, वो शादी के वक्त उनके माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों की तरफ से भेंट में दी गई हैं।
जस्टिस दीपक मिश्रा की विदाई के समय दिये गये भाषण के माध्यम से जस्टिस गोगोई ने नई कार्य संस्कृति और न्यायिक क्रांति के संकेत दिये हैं।
Watch LIVE: Swearing-in-Ceremony of the Chief Justice of India Shri Justice Ranjan Gogoi at Rashtrapati Bhavan https://t.co/3kLEElsSBv
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