कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कुछ काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उनकी सरकार की जालसाजियां सामने आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) कंपनी को साल 2007 में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने 70 हजार करोड़ का गिफ्ट सिटी नाम का प्रोजेक्ट दिया। लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत कोई काम नहीं हुआ, बल्कि इसमें जालसाजियां सामने आईं।
राहुल गांधी ने ट्वीटर पर कहा, ” लाइटस, कैमरा, स्कैम।
सीन 1: 2007, मुख्यमंत्री मोदी आईएलएंडएफएस कंपनी को 70,000 करोड़ रुपए की परियोजना ‘गिफ्ट सिटी’ देते हैं। आजतक कुछ काम नहीं। जालसाजियां आईं सामने।”
इसी ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष आगे कहते हैं, ” सीन 2: 2018, प्रधानमंत्री मोदी एलआईसी- एसबीआई में लगे जनता के पैसे से 91000 करोड़ रुपए की कर्जदार आईएलएंड एफएस को बेलआउट दे रहे हैं। चौकीदार की दाढ़ी में तिनका।”
लाइटस, कैमरा, स्कैम
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2018
सीन 1: 2007, CM मोदी IL&FS कंपनी को 70,000 करोड़ का प्रोजेक्ट GIFT CITY देते हैं। आजतक कुछ काम नहीं। जालसाजियाँ आईं सामने।
सीन 2: 2018, PM मोदी LIC-SBI में लगे जनता के पैसे से 91000 करोड़ की कर्जदार IL&FS को बेलआउट दे रहे हैं।
“चौकीदार की दाढ़ी में तिनका”
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों कांग्रेस आईएलएंडएफएस कंपनी के घाटे को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना कर रही है।
बता दें कि आईएलएंडएफएस में 40 फीसदी हिस्सा एलआईसी, एसबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसी सरकारी संस्थाओं का है। जिसे लेकर कांग्रेस ने ये सवाल उठाए कि जिस कंपनी में 40 फीसदी हिस्सा सरकारी कंपनियों का है, उस पर 91 हजार करोड़ का कर्ज कैसे चढ़ गया? कांग्रेस ने यह भी बताया कि 91 हजार करोड़ में से 67 करोड़ एनपीए हो चुका है।
कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय रिजर्व बैंक, स्टेट बैंक, एलआईसी और एनएचएआई पर दबाव डाल रहे हैं ताकि वो इस कंपनी को बेलआउट कर सकें। कंपनी का 35 फीसदी हिस्सा विदेशी कंपनियों का है, इसलिए इसे बेलआउट करने की कोशिश की जा रही है ताकि विदेशी कंपनियों का पैसा ना डूबे. भारतीय करदाताओं के पैसे से विदेशी कंपनियों की मदद की कोशिश की जा रही है।
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्त-पोषण कारोबार में लगी आईएल एंड एफएस (IL&FS) को अपने मौजूदा शेयरधारकों एलआईसी, ओरिक्स कॉर्प और एसबीआई की ओर से बड़ी राहत मिली है। तीन कंपनियों ने शनिवार को आईएलएंडएफएस के प्रस्तावित 4,500 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को खरीदने का ऐलान किया है।