अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच में जुटी एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। 3,600 करोड़ रुपये की डील के कथित बिचौलिए एवं ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। दुबई की एक अदालत ने क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है। हालांकि इस आदेश पर दुबई की मिनिस्टर की फाइनल मुहर लगना बाकी है। आरोपी क्रिश्चियन मिशेल पर आरोप है कि उसने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी और उसने भारत में घूस की रकम कई लोगों को दी थी।
आपको बता दें कि साल 2016 में क्रिश्चियन माइकल की वकील रोसमैरी पैट्रिजी डोस अनजोस ने कहा था कि उनके मुवक्किल भारत लौटने और जांच अधिकारियों का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनको यह आश्वासन मिलना चाहिए कि उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी
वहीं इसी महीने की 12 तारीख को दिल्ली के एक कोर्ट ने इस घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में वायु सेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी और उनके तीन रिश्तेदारों की जमानत दे दी थी। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने इस मामले में त्यागी और उनके रिश्तेदारों संजीव त्यागी उर्फ जूली, राजीव त्यागी और संदीप त्यागी उर्फ कुकी को एक लाख रुपए की जमानत राशि और उतनी ही राशि का मुचलका भरने को कहा। उन्हें यह जमानत तब दी गई जब वे अपने खिलाफ जारी समन पर अदालत में पेश हुए।
क्या है 125 करोड़ का वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला:
भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2010 में इटली की कंपनी अगूस्ता से 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था। जब ये सौदा किया गया तब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए शासन का दौर था, तब वायुसेना के प्रमुख एसपी त्यागी थे। माना जाता है कि सौदा करने के लिए कुल सौदे के 10 फीसदी यानी करीब 350 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी। साल 2012 में इस सौदे में घोटाले की बात सामने आई। घोटाले के हंगामे के बीच 2013 में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भ्रष्टाचार की बात कबूल करते हुए इस सौदे को रद्द कर दिया था।
बता दें कि भारत ने ये अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से किया था और हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी का नाम फिनमेक्कनिका है। इटली की इस कंपनी फिनमेक्कनिका ने 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर के सौदे में पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी समेत उनके तीन रिश्तेदारों पर घूस दिए।
आरोपों के अनुसार अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर को सौदे में हिस्सा लेने के काबिल बनाने के लिए टेंडर की शर्तों में कुछ तकनीकी फेरबदल किए गए। शर्तें बदलने के एवज में ही फिनमेक्कनिका कंपनी की ओर से घूस दी गई थी। आरोप है कि ये घूस पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी के साथ उनके तीन रिश्तेदारों को दी गई। रिश्वत की रकम सीधे न देकर दो कंपनियों आईडीएस ट्यूनिशिया और आईडीएस इंडिया के जरिए दी गई।