पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान और पूर्व चीफ सिलेक्टर अजीत वाडेकर का बुधवार को 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वाडेकर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वाडेकर अपने दौर के उम्दा लेफ्ट हैंडर बल्लेबाजों में शुमार थे। उन्होंने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच और 2 वनडे मैच खेले। वह वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में भारतीय टीम के ऐतिहासिक जीत का हिस्सा रहे।
1971 के फरवरी और अप्रैल के दौरान भारत ने वेस्टइंडीज में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली। इस सीरीज में वाडेकर की कप्तानी में भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट ( सीरीज का दूसरा टेस्ट 6-10 मार्च) 7 विकेट से जीता, जो इंडीज की धरती पर पहली टेस्ट जीत थी। भारत ने चार टेस्ट ड्रॉ करा सीरीज की समाप्ति 1-0 से जीत के साथ की। यह वेस्टइंडीज में भारत की पहली सीरीज जीत रही।
इसके बाद 1971 के जुलाई और अगस्त के दौरान भारत ने इंग्लैंड में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली। वाडेकर की कप्तानी में इस सीरीज का आखिरी ओवल टेस्ट (19-24 अगस्त) भारत ने 4 विकेट से जीता। यह इंग्लैंड की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत थी। और इसके साथ ही भारत ने सीरीज की समाप्ति 1-0 से जीत के साथ की। यह इंग्लैंड में भारत की पहली सीरीज जीत रही।
भारत सरकार ने 1967 से वाडेकर को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया। इसके बाद 1972 में उन्हें पद्मश्री अलंकरण से भी विभूषित किया गया।
Ajit Wadekar will be remembered for his rich contribution to Indian cricket. A great batsman & wonderful captain, he led our team to some of the most memorable victories in our cricketing history. He was also respected as an effective cricket administrator. Pained by his demise.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2018
वाडेकर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर शोक जताया है। अनपे ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘आजीत वाडेकर को भारतीय क्रिकेट में दिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए याद किया जाएगा। एक महान बल्लेबाज और शानदार कप्तान, उनकी कप्तानी में टीम को कई यादगार लम्हे मिले। इन उपलब्धियों के साथ-साथ उन्हें प्रभावी क्रिकेट प्रशासक के रूप में भी आदर के साथ याद किया जाएगा। उनके निधन से दुखी हूं।’