असम में एनआरसी की मसौदा रिपोर्ट पर संसद में जमकर विवाद हो रहा है इसी बीच लोकसभा में रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर एक के बाद एक कई सवाल खड़े किए। जिसके बाद इन सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या की पहचान की जा रही है और अंतत: उन्हें वापस भेजने की भी व्यवस्था की जाएगी।
यहीं नहीं राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने भी स्पष्ट कर दिया कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध घुसपैठिये हैं, उन्हें शरणार्थियों की सुविधाएं नहीं दी जा सकती है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अरविंद सावंत, रामस्वरूप शर्मा और सुगत बोस के पूरक प्रश्नों के उत्तर में राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स को सजग किया गया है ताकि म्यांमार से लगी सीमा से रोहिंग्या भारत में प्रवेश नहीं कर सकें।
BSF and Assam Rifles guarding international borders have been sensitised to ensure that Rohingyas do not infiltrate the country. Latest advisory has been issued to states. They have been directed to carry out enumeration of such illegal immigrants & also collect their biometrics. pic.twitter.com/6ppLZbM8Tu
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 31, 2018
इसके साथ ही देश में रह रहे रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान की जा रही है और इस संबंध में राज्य सरकारों को एडवाइजरी भेजी जा चुकी है। एडवाइजरी में राज्य सरकारों को रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान सुनिश्चित करने के साथ ही उनकी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है। राजनाथ सिंह के अनुसार पहचान हो जाने के बाद गृह मंत्रालय विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क कर रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के रास्ते पर विचार करेगा।
वहीं रिजिजू ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि रोहिंग्या भारत में शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध घुसपैठिये हैं। उनके अनुसार राज्यों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि रोहिंग्या घुसपैठिये किसी तरह का सरकारी दस्तावेज हासिल नहीं कर सकें। उनके अनुसार सबसे अधिक रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में हैं। इसके अलावा तेलंगाना, दिल्ली और हरियाणा में भी रोहिंग्या हैं।