पश्चिम बंगाल का नया नाम जल्द ही बांग्ला हो सकता है। ममता सरकार ने राज्य के नाम बदलने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है। जिसका कांग्रेस और लेफ्ट के सदस्यों ने भी समर्थन किया। अब इस प्रस्ताव को केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इससे पहले भी दो बार नाम बदलने का प्रस्ताव लाया जा चुका है। लेकिन, इसमें सफलता नहीं मिल पाय़ी थी।
विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद, अब सभी भाषाओं में पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला होगा। ममता सरकार इस नए नाम के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजेगी। ममता बनर्जी काफी समय से पश्चिम बंगाल का नाम सभी भाषाओं में बांग्ला रखे जाने पर जोर देती रही हैं। पिछले साल 29 अगस्त को भी विधानसभा में राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें अंग्रेजी में बेंगाल, हिंदी में बंगाल जबकि, बंगाली भाषा में बांग्ला नाम करना प्रस्तावित था, तब केंद्र सरकार ने एक ही राज्य के तीन नामों पर आपत्ति जताते हुए प्रस्ताव को लौटा दिया था।
खबरों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की एक मुख्य वजह राज्य का अंग्रेजी नाम वेस्ट बंगाल होना है। अल्फाबेटिकल ऑर्डर में वेस्ट बंगाल राज्यों की लिस्ट में सबसे नीचे आता है, इसके चलते राज्य के मुख्यमंत्री को किसी भी बैठक में सबसे आखिरी में बोलने का मौका मिलता है। इसी समस्या को देखते हुए ममता बनर्जी पिछले कुछ समय से राज्य का नाम बदलने की कोशिशों में जुटी हैं। अभी बांग्ला भाषा में राज्य का नाम ‘पश्चिम बंग’ या ‘पश्चिम बांग्ला’ है। इससे पहले बुद्धदेब भट्टाचार्य की अगुआई वाली पूर्ववर्ती वाम मोर्चे की सरकार ने इसका नाम बदलकर पश्चिमबंग रखने की सिफारिश की थी। हालांकि उस पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई थी।