धर्म के नाम पर एक बार फिर लखनऊ की सरजमीं गरमाई है। प्रशासन मस्जिद के सामने लक्ष्मण भगवान की मूर्ति लगाने की तैयारी में है। ऐसे में मुसलमानों के तरफ से इसका विरोध किया जा रहा है। दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद के बाहर भगवान लक्ष्मण की प्रतिमा स्थापित किए जाने के प्रस्ताव पर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है। शहर के कई उलेमाओं ने इस पर सख्त आपत्ति जताई है।  लखनऊ नगर निगम की मेयर संयुक्ता भाटिया को संबोधित ये प्रस्ताव BJP के दो पार्षदों ने 27 जून को पेश किया। BJP पार्षद दल के उपनेता रामकृष्ण यादव और पार्षद दल के मुख्य सचेतक रजनीश गुप्ता की तरफ से पेश प्रस्ताव में कहा गया है कि लखनऊ का इतिहास भगवान लक्ष्मण से जुड़ा हुआ है।

टीले वाली मस्जिद के बाहर मैदान पर लक्ष्मण की मूर्ति बनाने के प्रस्ताव को उलेमाओं ने सियासत करार दिया है। उनका कहना है कि हिंदू आस्था के प्रतीक भगवान लक्ष्मण की मूर्ति लगनी चहिए, लेकिन बीजेपी जानबूझकर इसे मस्जिद के सामने लगाने पर आमादा है।  उनके मुताबिक, यहां अलविदा और ईद-बकरीद पर बड़ी तादाद में लोग नमाज अदा करते हैं। लोग सड़कों पर भी नमाज पढ़ते हैं। असल में इस्लाम में किसी मूर्ति या तस्वीर के सामने या उसके पीछे नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। ऐसे में मस्जिद के बाहर सामने चौराहे पर मूर्ति लग जाएगी तो लोग नमाज नहीं पढ़ पाएंगे।

बता दें कि मुसलमानों का एक संगठन इस बारें में राज्य के राज्यपाल और सीएम योगी से मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ BJP पार्षद दल के उपनेता रामकृष्ण यादव के मुताबिक, टीले वाली मस्जिद का नाम लक्ष्मण टीला रहा है। लिहाजा, इस जगह पर लक्ष्मण जी की मूर्ति लगाई जानी चाहिए। इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ  नेता लाल जी टंडन ने अपनी किताब में टीले वाली मस्जिद जी जगह पर प्राचीन लक्ष्मण टीला होने का दावा किया था।

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