सरकार गिराने के बाद की ये तैयारी सरकार बनाने की है…जम्मू में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा इसका बेजोड़ उदाहरण है…पहले बड़े सियासी दुश्मनों में से एक और अफजल गुरु को शहीद बतानेवाली पीडीपी के साथ गलबहियां कर सरकार बनाई…फिर तत्कालीन सीएम महबूबा के कहने पर वो सब किया जिसका बीजेपी ने सत्ता से बाहर रहने पर हमेशा विरोध किया…लेकिन सत्ता में आने के बाद पत्थरबाजों पर से मुकदमे वापस लिये…रमजान में सीजफायर कर सियासत ने सेना के हाथ-पैर बांध दिए गए…रमजान में पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों की घुसपैठ के लिए जमकर गोलियां चलाईं…इस दौरान एक महीने में सीमा पर कई जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी…इसे लेकर देशभक्त्त कही जाने वाली बीजेपी सरकार की देशभर में जमकर फजीहत हुई तो बीजेपी को अपनी सियासी भविष्य की चिंता सताई और महबूबा मुफ्ती सरकार को औंधे मुंह गिराकर जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन का मुंह खोल दिया…ताकि देश में ये संदेश दिया जा सके कि, आतंक के खिलाफ मोदी सरकार की नीति कठोर से कठोर है…जाहिर है बीजेपी को अब महबूबा में कमी ही कमी दिखती है…ये सियासत की बदनाम नब्ज है जो वक्त और फायदा देख सूबे की हालत पर फैसला लेती है…तभी तो शाह ने सूबे में बीजेपी की सियासी जमीन की मजबूती का जायजा लेने के लिए जनसभा का प्लान किया…ऐसे में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 65वां बलिदान दिवस से बेहतर मौका नहीं हो सकता था…शाह ने परेड में आयोजित रैली को संबोधित कर कहा कि,कश्मीर के लोगों को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान की याद दिलाई…
शाह ने अपनी जनसभा में शक्ति प्रदर्शन के बहाने महबूबा सरकार को घेरने के साथ-साथ कांग्रेस को भी घेरा…दरअसल, पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ‘बाहुबल’ वाली नीति आम लोगों के खिलाफ काम कर रही है क्योंकि 4 आतंकियों को मारने के चक्कर में 20 नागरिक मारे जा रहे हैं…ऐसे में बीजेपी को कहीं न कहीं कांग्रेस पर हमले का एक सुनहरा मौका तो मिल ही गया…शाह ने कहा कि, लश्कर-ए-तैयबा ने आजाद के बयान का समर्थन किया, राहुल गांधी को बताना चाहिए कि लश्कर और कांग्रेस में क्या रिश्ता है…सैफुद्दीन सोज आजाद कश्मीर का सपना देखना बंद करें…
महबूबा सरकार को गिराने पर शाह ने बीजेपी को देशभक्त पार्टी बताने में कोई कमी नहीं की…कहा, अपनी पार्टी की सरकार गिरने पर पार्टियां शोक मनाती हैं…लेकिन भारतीय जनता पार्टी में सरकार गिरने पर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हैं…शाह ने पीडीपी के साथ सरकार बनाने की बात पर सफाई दी…कहा, ‘खंडित जनादेश के चलते हमने कॉमन मिनिमम के तहत पीडीपी के साथ सरकार बनाई थी…उन्होंने बकरवाल समुदाय के लोगों को देशभक्त बताते हुए उन्हें
अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए बीजेपी और मातृ संगठन संघ परिवार के नेताओं से व्यापक विचार विमर्श करेंगे…शाह के साथ इस दौरे पर बीजेपी के संगठन मंत्री राम लाल हैं…पीडीपी से गठबंधन तोड़ने के बाद पहली बार जम्मू में रैली कर रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पीडीपी और कांग्रेस पर जमकर गरजे लेकिन सवाल तो यही कि, आखिर तीन सालों तक बीजेपी उस महबूबा मुफ्ता के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में सरकार क्यों चलाती रही जो देश के दुश्मनों की वकालत करती रही…हमारे जांबाजों की शहादत और जम्मू-कश्मीर के निर्दोषों के मारे जाने के बावजूद पाकिस्तान से बातचीत की गाल बजाती रही…