प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा, कि पहले किसानों के कल्याण पर ध्यान नहीं दिए जाने और उन्हें उनके नसीब के भरोसे छोड़ दिए जाने से देश के अन्नदाता की हालत खराब हुई है। मोदी ने ‘नमो ऐप’ के जरिए देश भर के किसानों से सीधा संवाद करते हुए कहा, कि किसानों ने देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए खून-पसीना एक किया लेकिन शुरू से ही उन्हें उनके नसीब पर छोड़ दिया गया। इस कारण उनका अपना विकास अवरुद्ध हो गया।

उन्होंने कहा, कि पुरानी सोच को बदलने के लिए निरंतर वैज्ञानिक प्रयास करने की जरुरत थी। प्रगतिशील किसानों को आगे लाया जाना चाहिए था। बदलते युग के अनुरूप प्रयास करने की जरुरत थी लेकिन इस काम में बहुत देरी कर दी गयी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, कि पिछले चार साल में उनकी सरकार ने किसानों की दशा सुधारने के लिए अनेक उपाय किए हैं। जमीन के रखरखाव से लेकर अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराने, पानी-बिजली से लेकर बाजार उपलब्ध कराने तक संतुलित व्यापक योजना के तहत कार्य करने का भरसक प्रयास किया गया है। किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है और उन्हें हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए गए हैं।

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