खट्टर सरकार को अपने उस फैसले से यू टर्न लेना पड़ा है जिसमें राज्य के खिलाड़ियों को मिलने वाली पुरस्कार राशि और विज्ञापनों से मिलने वाले पैसों का एक-तिहाई हिस्सा हरियाणा खेल परिषद को देने के लिए कहा गया था। इस अजीबोगरीब आदेश के पीछे सरकार ने तर्क दिया था, कि इन पैसों का इस्तेमाल राज्य में खेल के विकास पर खर्च होगा। लेकिन अपने इस आदेश के बाद खट्टर सरकार को चारों ओर से कड़ी निंदा का सामना करना पड़ रहा था। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने अगला आदेश आने तक इस फैसले पर रोक लगा दी है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को एक ट्विट के जरिए दी।
I have asked for the relevant file of Sports Department to be shown to me & the notification dated 30th April to be put on hold till further orders.We are proud of the immense contribution by our sportspersons & I assure them of a just consideration of all issues affecting them.
— Manohar Lal (@mlkhattar) June 8, 2018
मुख्यमंत्री खट्टर ने ट्विट में लिखा, ‘मैंने खेल विभाग से इस संबंध में सभी फाइलें और जानकारी मांगी है और अगले आदेश तक 30 अप्रैल को जारी की गई अधिसूचना को रोक दिया गया है। हमें अपने खिलाड़ियों के अतुलनीय योगदान पर गर्व है।
उनके इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया जताते हुए कुश्ती में मेडलिस्ट रहे योगेश्वर दत्त ने कहा, कि ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए है तब से बिना सिर-पैर के तुग़लकी फ़रमान जारी किए जा रहे हैं।
ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए है तब से बिना सिर -पैर के तुग़लकी फ़रमान जारी किए जा रहे है। हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है किंतु ये दावा है मेरा इसके पतन में आप शत् प्रतिशत सफल हो रहे है। अब हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और SAHAB आप ज़िम्मेदार pic.twitter.com/YazW6YLqTB
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) June 8, 2018
वहीं दंगल गर्ल गीता फोगाट ने नाराजगी जताते हुए कहा, कि खेलों ओर खिलाड़ियों को धीरे-धीरे ख़त्म करने की नीति वाली सरकार पहली बार देख रहे हैं।
हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने वाली सरकारें तो देखी थी पर खेलों ओर खिलाड़ियों को धीरे -१ ख़त्म करने की नीति वाली सरकार पहली बार देख रहे हैं pic.twitter.com/lVggWOD8ln
— geeta phogat (@geeta_phogat) June 8, 2018