Kartik 2022: सभी मासों में सर्वश्रेष्‍ठ कार्तिक मास की हो रही शुरुआत, जानिए किन उपायों से नारायण को कर सकते हैं प्रसन्‍न?

Kartik 2022: कार्तिक मास का समापन 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा। पूरे कार्तिक मास में स्नान, दान और भगवत्पूजन का बड़ा महत्‍व होता है। यही वजह है भक्‍त इस माह दीपदान, पूजन और शुभकर्म करते हैं।

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Kartik 2022: Lord Vishnu ji ka pujan
Kartik 2022:

Kartik 2022: सनातन धर्म में सभी मासों में सर्वश्रेष्‍ठ कहे जाने वाले कार्तिक मास का कल यानी सोमवार 10 अक्‍टूबर से शुरु होने जा रहा है। भगवान श्रीहरि विष्‍णु को अतिप्रिय कार्तिक मास आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि के बाद से आरंभ माना जाता है। आज शरद पूर्णिमा है और उसके अगले दिन से यानी 10 अक्‍टूबर से कार्तिक मास प्रारंभ हो जाएगा। कार्तिक मास को भगवान विष्‍णु की पूजा और तुलसी की पूजा के लिए सबसे खास माना जाता है। कार्तिक मास का समापन 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा।

पूरे कार्तिक मास में स्नान, दान और भगवत्पूजन का बड़ा महत्‍व होता है। यही वजह है भक्‍त इस माह दीपदान, पूजन और शुभकर्म करते हैं। स्वयं ब्रह्माजी कार्तिक मास की महिमा बताते हुए कहते हैं कि कार्तिक मास सब मासों में उत्तम है एवं महीनों में कार्तिक, देवताओं में भगवान विष्णु और तीर्थों में नारायण तीर्थ (बद्रिकाश्रम) श्रेष्ठ है।

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Kartik 2022: चार महीने की निद्रा के बाद जाग्रत होते हैं नारायण

Kartik 2022: हमारे शास्‍त्रों के अनुसार चातुर्मास का सबसे प्रमुख मास कार्तिक मास होता है। कार्तिक मास की देवोत्‍थान एकादशी पर भगवान विष्‍णु चार महीने की निद्रा के बाद जाग्रत होते हैं। इस महीने में भगवान विष्‍णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्‍व माना गया है। इसी महीने में तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी होता है। कार्तिक मास में गंगा स्‍नान, दीप दान, यज्ञ और अनुष्‍ठान परम फल देने वाले माने गए हैं। इन्‍हें करने मात्र से आपके कष्‍ट दूर होने के साथ पुण्‍य की प्राप्ति होती है और ग्रह दशा भी सुधरती है। कार्तिक मास में ही धनतेरस, दीवाली, छठ और कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्‍वपूर्ण व्रत त्‍योहार आदि भी पड़ते हैं।

Kartik 2022: जानिए कैसे कर सकते हैं भगवान विष्‍णु को प्रसन्‍न

Kartik 2022: कार्तिक मास भगवान विष्‍णु की पूजा के लिए सर्वोत्‍तम माना गया है।इसलिए इस माह विष्‍णुप्रिया तुलसी की पूजा करना बहुत अच्‍छा माना जाता है। इस पूरे महीने में तुलसी के पौधे के समीप घी का दीपक जलाने की परंपरा है।ऐसा करने से आपको धन प्राप्ति होती है। आपके घर में मां लक्ष्‍मी का वास होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम और तुलसी का विवाह करवाया जाता है।

भगवान श्रीविष्‍णु को प्रिय कार्तिक मास में पूजन के साथ ही आहार-विहार के भी कुछ महत्‍वपूर्ण नियम बताए गए हैं।पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार इस महीने में श्रीहरि मत्‍स्‍य अवतार में रहते हैं, इसलिए इस महीने में भूलकर भी मछली या फिर अन्‍य प्रकार की तामसिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
कार्तिक में बैंगन खाना अशुभ माना गया है।

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Kartik 2022.


Kartik 2022: द्विदलन अनाज वर्जित- ऐसा अनाज दो भागों में बंटे हों उनका सेवन नहीं करना चाहिए। उड़द, चना, मसूर, मूंग, मटर ऐसे ही अनाज माने गए हैं।इन्‍हें इस माह खाने से बचना चाहिए।
जीरे से नुकसान- शास्‍त्रों के अनुसार कार्तिक मास में जीरे का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए। यूं तो जीरा स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद बताया गया है, लेकिन कार्तिक के महीने में इसे खाने से नुकसान होता है।
करेला नहीं खाएं- कार्तिक में करेला खाने से परहेज करना जरूरी है।दरअसल करेला वात रोग बढ़ाने वाला माना जाता है। इस महीने में करेले में कीड़े भी पड़ जाते हैं, इसलिए करेला खाना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक माना गया है।
दही खाने से बचें- कार्तिक में दही का सेवन न करें तो बेहतर हागा। इससे आपकी सेहत और धन दोनों में लाभ होगा। कार्तिक में दही खाना संतान के लिए अशुभ माना जाता है।
मूली खाना है फायदेमंद- कार्तिक में मौसम परिवर्तन भी होता है। ऐसे में इस माह अगर आप मूली का सेवन करते हैं, तो आपको लाभ होगा। इस मौसम में कफदोष और पित्तदोष संबंधित बीमारियां होने की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए इस माह में मूली खाना लाभकारी रहता है।

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