RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। पहले के मुकाबले अब रेपो रेट 0.50% बढ़कर 5.90% कर दिया गया है। महंगाई पर काबू करने के लिए केंद्रीय बैंक ने आज ये बड़ा फैसला लिया है। बीते महीने 5 अगस्त को भी आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था। आज हुई बढ़ोतरी को मिलाकर केंद्रीय बैंक मई के बाद से रेपो रेट अब तक चार बार इजाफा कर चुका है। इस वजह से रेपो रेट अब 5.90 फीसदी पहुंच गया है। इससे पहले ये 5.40 पर था।
RBI Monetary Policy: GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फिस्कल ईयर 2023 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% से घटाकर 7% कर दिया है। आरबीआई गर्वनर शाक्तिकांत दास ने कहा कि स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 5.65% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी 6.15% हो गया है।
RBI Monetary Policy की बड़ी बातें…
रिजर्व बैंक के गर्वनर शाक्तिकांत दास ने कहा कि दुनियाभर के देशों में मॉनेटरी सख्ती हो रही है। ग्लोबल इकोनॉमी की नजर इस पर बनी हुई है। मॉनेटरी सख्ती की वजह से फाइनेंशियल मार्केट में उतार-चढ़ाव बढ़ा है।
पिछले कुछ दिनों में कमोडिटी की कीमतों में आई कमी से आने वाले दिनों में कॉस्ट प्रेशर कम हो सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि आज महंगाई दर 7% के आस-पास बना हुआ है। उम्मीद है कि इस फिस्कल ईयर की दूसरी छमाही में महंगाई दर घटकर 6% के रेंज में आ जाएगी।
RBI Monetary Policy: महंगे हो जाएंगे लोन
गौरतलब है कि रेपो रेट बढ़ोतरी से कॉस्ट ऑफ बोरोइंग यानी उधारी की लागत बढ़ जाएगी। बैंकों को पैसा महंगा मिलेगा तो आने वाले समय में लोन और महंगे हो जाएंगे। बैंक इसका असर ग्राहकों पर डालेंगे। इससे मकानों की ब्रिकी और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
RBI Monetary Policy: क्या है रेपो रेट?
बता दें कि रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक को RBI द्वारा कर्ज दिया जाता है और फिर इसी के आधार पर बैंक ग्राहकों को कर्ज देते हैं, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर RBI उन्हें ब्याज देती है। ऐसे में, जब आरबीआई रेपो रेट बढ़ाती है तब बैंकों पर बोझ बढ़ता है और बैंक की तरफ से तब बैंक रेट में यानी लोन महंगा होता है।
RBI Monetary Policy: देश में महंगाई दर
देश में खुदरा महंगाई दर लगातार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य सीमा से ऊपर बनी हुई है। बीते दिनों जारी किए गए खुदरा महंगाई के आंकड़ों को देखें तो अगस्त में यह एक बार फिर से 7 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई में कमी दर्ज की गई थी और यह 6.71 फीसदी पर आ गई थी।
यह भी पढ़ें: