Ghulam Nabi Azad: कांग्रेस के पूर्व नेता और जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी है। घोषणा करने से पहले आजाद ने रविवार को एक मीटिंग भी की थी। वहीं, पार्टी के नाम के साथ उन्होंने अपनी पार्टी का नया झंडा भी सभी के सामने दिखा दिया है। बता दें कि हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से उनके नई पार्टी बनाने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। अब इन कयासों पर आजाद ने सोमवार को विराम लगा दिया।
Ghulam Nabi Azad: पार्टी के लिए मिले थे 1500 नामों के सुझाव
गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी है। आजाद की नई पार्टी का नाम ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ (Democratic Azad Party) है। जम्मू में आजाद ने कहा कि उनकी नई पार्टी के लिए लोगों ने लगभग 1500 नामों के सुझाव भेजे थे, जो उर्दू और संस्कृत में थे। उन्होंने आगे कहा ” हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है। हम चाहते हैं कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो।”
वहीं, आजाद ने अपनी पार्टी के झंडे को भी सबके सामने लाया। आजाद ने पार्टी के झंडे के बारे में बताते हुए कहा कि “सरसों का रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है, सफेद शांति को इंगित करता है और नीला स्वतंत्रता, खुले स्थान, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमा को इंगित करता है।” यानी आजाद की पार्टी के झंडे में तीन रंग नीला, सफेद और पीला समाहित हैं।
26 अगस्त को आजाद ने छोड़ी थी कांग्रेस
मालूम हो कि 73 वर्षीय गुलाम नबी आजाद ने गत 26 अगस्त को कांग्रेस छोड़ दी थी। कांग्रेस को छोड़ने के बाद आजाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पार्टी पर तीखा निशाना भी साधा था। उन्होंने कहा था कि घर वालों (कांग्रेस) ने घर छोड़ने को मजबूर किया है। जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए और आदमी को भी लगे कि यह हमें पराया समझते हैं, तो अक्लमंद आदमी का काम है कि वह घर छोड़कर निकल जाए।
बता दें कि आजाद कांग्रेस में रहते हुए कई संवैधानिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा वे केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा सांसद, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष समेत पार्टी के भी कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पहली जनसभा में की थी पार्टी बनाने की बात
कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू में अपनी पहली जनसभा में, आजाद ने घोषणा की थी कि वह अपना खुद का राजनीतिक संगठन शुरू करेंगे, जो जम्मू और कश्मीर के राज्य की बहाली और इसके निवासियों के नौकरी के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करेगा। वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक प्रमुख नेताओं ने भी आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
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