Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार-बार मौका देने के बावजूद जवाब नहीं देने पर निदेशक बेसिक शिक्षा उ प्र लखनऊ को निजी हलफनामे के साथ 29 सितंबर को तलब किया है। कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि पत्र भेजे जाने के बावजूद उन्होंने मांगी गई जानकारी क्यों नहीं दी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने देवेंद्र कुमार गुप्ता की याचिका पर दिया है।
याचिका के अनुसार याची 24 दिसंबर 1999 को डायट मैनपुरी में वरिष्ठ प्रवक्ता नियुक्त हुआ। उसके बाद जी आई सी शाहजहांपुर में उसे प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त किया गया। 2003 मे शाहजहांपुर में ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पद पर तैनाती की गई। विभिन्न जिलों में रहते हुए वह अब इस समय जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ के पद पर तैनात हैं।
Allahabad High Court बार-बार मौका देने के बावजूद जवाब न देने को लेकर गंभीर
याचि 2019 मे हापुड़ में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी था तो तीन स्कूलों में नियुक्ति कैसे हुई। इसके बाद 3 स्कूलों में नियुक्ति अनियमितता के आरोप में विभागीय जांच शुरू की गई। एक चार्जशीट में जांच प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अंतिम निर्णय होना बाकी है। शेष दो में अभी तक चार्जशीट तक नहीं दी गई। जांच लटकाए रखा गया है। जिससे याची की पदोन्नति व ए सी पी रूकी हुई है। साथ ही इससे भारी नुकसान भी हो रहा है। इसलिए याचिका द्वारा लंबित जांच कार्यवाही पूरी करने का समादेश जारी करने की मांग की गई है।
वहीं सरकारी वकील ने बताया पत्र भेजा गया है लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जिसके बाद अब कोर्ट ने निदेशक को जानकारी देने या हाजिर होने का आदेश दिया है। इससे फिर भी कोई असर नहीं पड़ा। कोर्ट ने सरकारी वकील से जानकारी मांगी कि आखिर विभागीय जांच पूरी क्यों नहीं की जा रही है। इसपर कोर्ट ने कहा कि निदेशक को तलब करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं है। निदेशक बेसिक शिक्षा लखनऊ को 29 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है।
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