Anti CAA Protest: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज के खिलाफ दाखिल याचिका को कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट आने के बाद याचिका को खारिज किया है। चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। बता दें कि सीएए के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में हुए लाठीचार्ज के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी।

Anti CAA Protest: कोर्ट ने कहा- बाहरी तत्वों के जाल में न फंसें
कोर्ट ने विश्वविद्यालय को छात्रों के साथ बेहतर संवाद बनाए रखने के लिए निर्देश दिए हैं। इससे वह बाहरी ताकतों से प्रभावित नहीं होंगे और विश्वविद्यालय व छात्रों के बीच संवाद हमेशा खुला रखा जाए। कोर्ट ने कहा कि हमारे साथ -साथ छात्रों की भी यह समान जिम्मेदारी है कि वह बाहरी तत्वों के जाल में न फंसें, उनकी बातों में न आएं। इससे शिक्षण संस्थानों का शैक्षिक माहौल नहीं बिगड़ेगा और अनुशासन कायम रहेगा।
याची मोहम्मद अमन खान की आपराधिक याचिका पर कोर्ट ने छात्रों को कहा कि विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रवेश लेते हैं, उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए जिसके कारण संस्थान की बदनामी होती हो।

क्या है मामला?
बता दें कि सीएए के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुए लाठीचार्ज के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। दिसंबर 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शन हुआ था। याचिका में छात्रों पर पुलिस व पैरामिलेट्री फोर्स के लाठीचार्ज व रबर बुलेट चलाने की घटना की न्यायिक जांच कराने सहित कई मांगे की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जांच कर एक माहीने में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। साथ ही डीएम अलीगढ़ को घायलों का इलाज कराने का आदेश दिया था।
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