World Dairy Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ‘अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के विश्व डेयरी सम्मेलन 2022’ का उद्घाटन करने ग्रेटर नोएडा पहुंचे। मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में लगी प्रदर्शनी का जायजा लिया। इस दौरान सीएम योगी, मंत्री और डेयरी सेक्टर के कई अधिकारी भी मौजूद रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 का उद्घाटन किया।
World Dairy Summit 2022: डेयरी सेक्टर दुनियाभर में करोड़ों लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन-पीएम
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे खुशी है कि आज यहां दुनिया भर से डेयरी सेक्टर के एक्सपर्ट आए हुए हैं। मैं सभी का स्वागत करता हूं। मोदी ने कहा कि आज भारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है। भारत के 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को ये सेक्टर रोजगार मुहैया कराता है। डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये सम्मेलन विचार, तकनीक, विशेषज्ञता और डेयरी क्षेत्र से जुड़ी परंपराओं के स्तर पर एक दूसरे की जानकारी बढ़ाने और सीखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।
पीएम ने कहा, डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान
पीएम ने कहा कि पशुधन और दूध से जुड़े व्यवसाय भारत की हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हमारी इस विरासत ने भारत के डेयरी सेक्टर को कुछ विशेषताओं से मजबूत कर दिया है। भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। इन्हीं किसानों के परिश्रम से भारत विश्व में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन वाला देश बन चुका है।
प्रधानमंत्री बोले- भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स सिस्टम की मिसाल दुनिया में मिलना मुश्किल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे डेयरी सेक्टर की दूसरी विशेषता है, भारत का डेयरी कॉपरेटिव्स सिस्टम। आज भारत में डेयरी सहकारी (कॉपरेटिव) का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब 2 करोड़ किसानों से दिन में 2 बार दूध जमा करती है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती है।
इस पूरी प्रकिया के बीच में कोई मिडिल मैन नहीं होता और ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा सीधा किसानों की जेब में ही जाता है। इतना ही नहीं, अगर मैं गुजरात की बात करूं तो, ये सारे पैसे महिलाओं के बैंक खाते में जाते हैं। पूरे विश्व में इतना ज्यादा अनुपात किसी और देश में नहीं है। डिजिटल क्रांति की वजह से भारत के डेयरी सेक्टर में लेनदेन बहुत तेजी गति से होने लगी है।
भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार हैं महिलाएं-पीएम
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में महिला शक्ति 70% कार्यबल का प्रतिनिधित्व करती हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं। इतना ही नहीं भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में जो डेयरी सेक्टर साढ़े आठ लाख करोड़ रुपये का है, जिसकी वेल्यू धान और गेंहू के कुल प्रोडक्शन से भी ज्यादा है, उसकी ड्राईविंग फोर्स भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं है। मैं विश्व डेयरी सम्मेलन से जुड़े सभी महानुभावों से आग्रह करूंगा कि वे भारत की इन नारी शक्ति की भूमिका की पहचान को विश्व के अन्य प्लेटफार्मों पर भी ले जाएं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक तकनीक की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं।
पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी दे रहे बल- मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज़ और ब्रुसेलोसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लंपी नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है। विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी रोग की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है।
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