कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारतीय खिलाड़ियों ने तिरंगा इतनी शान से लहराया कि पूरी दुनिया ही तीन रंगों में रंगीन हो गई। जी हां, 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 71 देशों और टेरेटरीज ने हिस्सा लिया, जिनमें से 43 के हिस्से पदक आए। आस्ट्रेलिया ने 80 स्वर्ण के अलावा 59 रजत और इतने ही कांस्य पदक जीते। इंग्लैंड ने 45 स्वर्ण, इतने ही रजत और 46 कांस्य पदक जीते। वहीं भारत ने 66 पदकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। मेजबान ऑस्ट्रेलिया 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 198 पदकों के साथ पदक तालिका में टॉप पर रहा। वहीं इंग्लैड ने 136 पदकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
भारत ने बेशक चौथे स्थान पर रहे कनाडा (82 पदक) से कम पदक जीते लेकिन उसके स्वर्ण पदकों की संख्या कनाडा से अधिक रही। कनाडा ने 15 स्वर्ण जीते जबकि भारत के नाम 26 स्वर्ण रहे। बता दें कि 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेस्म में जीते 64 पदकों से इस बार भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है। भारत ने (26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 19 ब्रॉन्ज) मेडल हासिल किए। बता दें कि भारत ने दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में कुल 101 पदक जीते थे। वहीं 2002 के मैनचेस्टर खेलों में कुल 69 मेडल मिले थे। भारत के लिए शूटिंग इवेंट काफी अच्छा रहा। शूटिंग में इस बार भारतीय निशानेबाजों ने 7 गोल्ड समेत कुल 16 मेडल जीते। भारत ने वेटलिफ्टिंग में कुल 9 पदक जीते। इसमें पांच गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। रेसलिंग में भारतीय खिलाड़ियों ने निराश नहीं किया और भारत ने 5 गोल्ड, तीन सिल्वर और चार ब्रॉन्ज समेत कुल 12 मेडल अपने नाम किए। बैडमिंटन में भारत ने कुल 6 पदक जीते। टेबल टेनिस में भारतीय महिला और पुरुष टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। बॉक्सिंग में भारत ने कुल 9 पदक जीते। इनमें तीन गोल्ड, तीन सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते। मैरी कॉम ने गोल्ड जीतकर दिखा गया कि उम्र प्रतिभा की मोहताज नहीं होती। ऐथलेटिक्स में भारत को तीन पदक हासिल हुए।
कनाडा के नाम 40 रजत और 27 कांस्य रहे। न्यूजीलैंड ने 15 स्वर्ण, 16 रजत और 15 कांस्य के साथ कुल 46 पदकों के साथ पांचवां स्थान हासिल किया। दक्षिण अफ्रीका ने 37 पदक (13 स्वर्ण, 11 रजत और 13 कांस्य) जीते जबकि वेल्स ने 36 पदक (10 स्वर्ण, 12 रजत और 14 कांस्य) जीते। स्कॉटलैंड और नाइजीरिया के नाम नौ-नौ स्वर्ण रहे।