INS Vikrant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant नौसेना को सौंप दिया है। INS Vikrant की खास बात ये है कि यह एक स्वदेशी युद्धपोत है। इसे 2009 में बनाना शुरू किया गया था। अब 13 साल बाद ये नौसेना को मिला है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने नौसेना के नए Ensign (निशान) का भी अनावरण किया। नौसेना का नया Ensign औपनिवेशिक अतीत से दूर और भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से लैस है।
पीएम ने नौसेना को ये विमान सौंपते हुए कहा अपने संबोधन में कहा कि आज देश की रक्षा हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक, हर दिशा में काम कर रहे हैं।
INS Vikrant: देश को आत्मनिर्भर बनने में ज्यादा समय नहीं- पीएम
पीएम ने कहा कि बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा। इस समुद्री युद्धपोत के बारे में बताते हुए पीएम ने कहा कि विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।
अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियां थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।
INS Vikrant: आज इतिहास बदलने वाला काम हुआ- पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी, लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा।
INS Vikrant: अंग्रेजों ने भारतीय जहाजों पर लगाए थे प्रतिबंध- पीएम
नरेंद्र मोदी ने कहा कि छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए।
INS Vikrant: 8 साल बाद बदला गया नौसेना का ‘निशान’
भारतीय नौसेना का निशान अब बदल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए निशान का अनावरण किया। नए निशान से सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया है। अब ऊपर बायीं ओर तिरंगा बना है। बगल में नीले रंग के बैकग्राउंड पर गोल्डर कलर में अशोक चिह्न बना है। इसके नीचे संस्कृत भाषा में ‘शं नो वरुणः’ लिखा गया है।
पीएम ने कहा, INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकास यात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।
INS Vikrant: INS विक्रांत ने देश में नया विश्वास पैदा किया- पीएम
पीएम ने कहा कि आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।
पीएम ने कहा कि अगर लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं, तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।
INS Vikrant: विक्रांत विशाल है, विराट है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। INS विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है। विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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