बिहार के नालंदा में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लग गया है……यहां पर निर्माण होने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के शुरूआती दौर में ही ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया है …ग्रामीण किसी भी कीमत में अपनी जमीन एयरपोर्ट के लिए नहीं देना चाह रहे हैं …जिसके कारण इसके निर्माण के शुरूआती दौर में ही अड़चने आने लगी है …

नालंदा के रंगीला विगहा गांव में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के विरोध में ग्रामीणों ने महापंचायत लगा कर किसी भी कीमत में सरकार को जमीन देने से इंकार कर दिया है …  रंगीला विगहा गांव के आस पास के 8 गांव की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया सरकार के द्वारा स्थानीय प्रशासन की मदद से शुरू की गई है…लेकिन ग्रामीणों ने शुरुआती दौर में ही जमीन अधिग्रहण में अड़चन लगा दी है।

Accepted on the ambitious plan of Nitish government, opposing land acquisition for international airport

ग्रामीणों ने सिलाव के अंचलाधिकारी के ऊपर जमीन नापी के दौरान हमला कर दिया था। जिसके बाद मौके पर मौजूद पदाधिकारियों ने भागने में ही अपनी भलाई समझी। जिसके बाद गांव वालों ने जमीन अधिग्रहण को लेकर संघर्ष शुरू कर दिया है…अचानक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर जमीन अधिग्रहण किए जाने से रंगीला विगहा रघुविगहा रानी विगहा विलास टोला शाहजादनगर सबैत, खारपर समेत आठ गांव के 30 हजार आवादी सड़क पर आ जाएंगे।

Accepted on the ambitious plan of Nitish government, opposing land acquisition for international airport

रंगीला विगहा गांव के आस पास की ज़मीन बहुत उपजाऊ है और सरकार के द्वारा 15 सौ एकड़ जमीन को हवाई अड्डा के निर्माण को लेकर अधिग्रहण किया जाना है। महापंचायत के दौरान ग्रामीणों के तेवर को देखकर लगता है कि आने वाले समय में हवाई अड्डा निर्माण को लेकर प्रशासन से लेकर सरकार को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी या फिर यूं कहें कि अभी से ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के निर्माण के ऊपर ग्रहण लगता दिखाई पड़ रहा है।

-ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

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