बिहार सरकार मूलभूत सुविधाओं में सुधार लाने के चाहे लाख दावे कर ले लेकिन हकीकत इससे जुदा है…बिहार के सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए टॉर्च की रोशनी में एक महिला का ऑपरेशन कर दिया…मामला सहरसा जिला का है… जहां सदर अस्पताल में बिजली चली जाने पर डॉक्टरों ने एक महिला मरीज की जान से खिलवाड़ करते हुए टॉर्च की रोशनी में उसका ऑपरेशन कर दिया…
सड़क दुर्घटना में घायल महिला को सदर अस्पताल लाया गया था, जहां उसका ऑपरेशन होना था…अस्पताल में न डॉक्टर थे और न बिजली, ऐसे में एक सफ़ाई कर्मचारी ने टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन किया…महिला मरीज की परिजन ममता रानी की माने तो खतरे का उन्हें अंदेशा था… लेकिन ऑपरेशन जरूरी था और आस पास चिकित्सिय सुविधा मौजूद नहीं थी…
बिहार में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने के सरकार के दावे का धता बताते हुए वायरल हो रही तस्वीर स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल रही है… सहरसा के सदर अस्पताल में जेनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आयी है… इससे पहले भी खगड़िया जिले में मोबाइल की रोशनी में ऑपरेशन किये जाने की बात सामने आयी थी…
ताजा मामला साफ कर देता है कि स्वास्थ्य के मोर्चे पर बिहार में कितना विकास हुआ है और जनता को क्या क्या सुविधाएं मिली हैं… हैरानी की बात ये भी है कि टॉर्च की रोशनी में अगर मरीज की जान चली जाती… तो फिर उसकी जिम्मेदारी किसकी होती… अब देखना है कि इस पूरे मामले पर बिहार सरकार क्या एक्शन लेती है… जिससे भविष्य में किसी मरीज को कम से कम टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन करवाने पर मजबूर न होना पड़े…
ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन