ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन शनिवार को राष्ट्रपति भवन पहुंचे। दो दिनों तक हैदराबाद दौरे के बाद रूहानी ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में रुहानी का राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया, जिसके बाद रूहानी को गॉर्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। दोनों से मुलाकात करने के बाद रूहानी राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पाजंलि अर्पित की।

राष्ट्रपति रूहानी का यह दौरा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत दौरे के करीब एक महीने के बाद हुआ है जिसे व्यापारिक नजरिए से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दौरे पर रूहानी चाबहार बंदरगाह की चाबी भारत के सुपुर्द कर सकते हैं। यह बंदरगाह भारत और ईरान के रिश्तों को और मजबूती प्रदान कर सकता है। यह बंदरगाह दोनों देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

कहां है चाबहार बंदरगाह

चाबहार दक्षि‍ण पूर्व ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थि‍त एक बंदरगाह है जिसके जरिए भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को बाइपास करके अफगानिस्तान के लिए रास्ता बनाना चाहता है। फारस की खाड़ी के बाहर बसे इस बंदरगाह तक भारत के पश्चिमी समुद्री तट से पहुंचना आसान है। इस बंदरगाह के जरिए भारतीय सामानों के ट्रांसपोर्ट का खर्च और समय को एक तिहाई तक कम किया जा सकेगा।

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