Nag Panchami: इस साल सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने में कई व्रत और त्योहार आते हैं। इन्हीं में से एक है नाग पंचमी। नाग पंचमी का त्योहार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। ये दिन पूर्ण रूप से नाग देवता को समर्पित है। माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोषों से मुक्ति मिल जाती है। नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं नाग पंचमी की तिथि, पूजा विधि और महत्व के बारे में।
Nag Panchami 2022 कब है?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं। इस दिन नागों की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त 2022, मंगलवार को है। नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन दान-दक्षिणा करना भी लाभकारी माना गया है।
Nag Panchami शुभ मुहूर्त 2022
नाग पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 42 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। पूजन की अवधि 2 घंटे 41 मिनट की है। नाग पंचमी 03 अगस्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
नाग पंचमी पूजन विधि
नाग पंचमी वाले दिन अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नामक देव नागों की पूजा की जाती है। ऐसे में इस दिन घर के दरवाजे पर सांप की आठ आकृति बनाएं। फिर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नागदेवता की पूजा करें। मिष्ठान का भोग लगाकर नाग देवता की कथा पढ़ें। पूजा करने के बाद कच्चे दूध में घी, चीनी मिलाकर उसे लकड़ी पर रखें गए सांप को अर्पित करें।
नाग पंचमी की पूजा का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन के संकटों का नाश होता है। ये भी कहा जाता है कि यदि इस दिन किसी व्यक्ति को नागों के दर्शन होते हैं तो उसे बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सांपों को दूध से स्नान और दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
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