Allahabad High Court ने अपने परिवार के छः लोगों की नृशंस हत्या के आरोपी की फांसी की सजा रद्द कर दी है। इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपराध साबित करने में विफल रहा है। मौजूदा साक्ष्य आरोपी को हत्या का दोषी करार देने के लिए पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने जेल में बंद आरोपी को हत्या के आरोप से बरी कर दिया है और फांसी की सजा की पुष्टि के लिए दाखिल रिफरेंस भी खारिज कर दिया है।
Allahabad High Court: निचली अदालत में मिली थी फांसी की सजा
यह आदेश इटावा के राम प्रताप उर्फ टिल्लू की जेल अपील को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने दिया है। इससे पहले निचली अदालत ने मौत व पांच लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी।घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर सत्र अदालत ने हत्या का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा अपराध संदेह से परे साबित किया जाना चाहिए था।
Allahabad High Court: शिकायतकर्ता हेम सिंह की बहन विमला देवी की शादी सुरेश चंद्र यादव के साथ हुई थी। सुरेश चंद्र यादव आरोपी का भाई था। दोनों भाई अलग रहते थे। आरोपी ने अपनी सारी संपत्ति बेच दी थी और अपने भाई-भाभी पर संपत्ति व पैसे देने के लिए दबाव डालने लगा था। दोनों ने उसे समझाने का प्रयास किया किंतु वह पैसे मांगता रहा, इसी बीच अविनाश (आरोपी के परिवार का सदस्य) की शादी तय हो गई। इससे वह नाराज हो गया और परिवार के छः लोगों की हत्या कर दी। एफ आई आर इकदिल थाने में दर्ज कराई गई है।
संबंधित खबरें:
Allahabad HC: न्यायाधीश के गलत व्यवहार से नाराज वकीलों ने किया विरोध का ऐलान
Allahabad HC: सपा विधायक विजमा यादव के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने मांगा जवाब