भारत ने मंगलवार को ओडिशा तटीय क्षेत्र से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित अग्नि -1 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। आर्मी की सामरिक बल कमांड ने बालासोर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के लॉन्च पैड-4 से 700 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल का परीक्षण किया।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह मिसाइल अग्नि-1 का 18वां संस्करण है। जो निर्धारित समय सीमा में ही सभी मापदंडों पर खरी उतरी। इस मिसाइल को 2004 में सबसे पहले सेवा में लाया गया था। वहीं सतह से सतह पर मार करने वाली एकल चरण मिसाइल को सैन्य बलों द्वारा नियमित परीक्षण अभ्यास के तहत लॉन्च किया गया है। यह परीक्षण सेना द्वारा कम समय में भी इसे प्रक्षेपित करने की तैयारी की पुष्टि करता है।
अग्नि -1 मिसाइल में एक विशेष नेविगेशन प्रणाली है, जो यह सुनिश्चित करती है कि मिसाइल बिल्कुल सटीक तरीके से अपना निशाना भेदने में सफल हो। 15 टन मीटर लंबी और 12 टन वजनी अग्नि -1 एक हजार किलो तक भार ले जाने में सक्षम है।
इससे पहले 18 जनवरी 2018 को भारत ने स्वदेश निर्मित सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु-सक्षम अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-वी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने चेन्नई में घोषणा करते हुए कहा था कि हमने परमाणु शक्ति से लैस बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
भारत के मिसाइल बेड़े में इस वक्त अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3, अग्नि-4 मिसाइलें हैं।वहीं 26 दिसंबर, 2016 को भारत ने अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया था। इन मिसाइलों की मारक क्षमता में अग्नि-1 की 700 किमी, अग्नि-2 की 2,000 किमी, अग्नि-3 और अग्नि-4 की मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर की सीमा से अधिक है। इसके अतिरिक्त भारत के पास सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें भी हैं।