शिवसेना और बीजेपी की दूरियां बढ़ती जा रही है। ‘दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है’ की रणनीति पर चलते हुए अब शिवसेना कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है।  महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बुधवार को कहा कि शिवसेना अगर बीजेपी विरोधी दलों के साथ आना चाहती है तो पार्टी को पहले एनडीए से नाता तोड़ कर सत्ता से हटना होगा। चव्हाण के मुताबिक अगर शिवसेना भाजपा से पूरी तरह से गठबंधन तोड़ लेती है और वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से भी अलग हो जाती है, तो फिर राजनीति में नए फार्मूले पर विचार किया जा सकता है। चव्हाण ने कहा कि अगर शिवसेना और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आपसी रजामंदी से तैयार हो जाए तो दो पार्टियों के बीच आपसी गठजोड़ हो सकता है।

चव्हाण ने कहा कि वो इस बारे में कांग्रेसी नेताओं से भी बात करेंगे। उन्होंने मीडिया को बताया कि  ‘आज शिवसेना बीजेपी के साथ सत्ता में है और अगर यह अलग होकर बीजेपी विरोधी दलों के साथ आना चाहती है तो हम लोग इस पर विचार करेंगे और (गठबंधन के लिए) एक प्रस्ताव दिल्ली भेजा जा सकता है।” चव्हाण ने कहा कि अगर कांग्रेस से हाथ मिलाना है तो पूर्णरूप से भाजपा का साथ छोड़ना होगा।

बता दें कि शिवसेना बीजेपी के रणनीतियों से खुश नहीं है। किसान, नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दों पर दोनों पार्टियों के बीच टकराव देखने को मिले थे। हाल ही में शिवसेना ने पिछले दिनों यह भी ऐलान कर दिया था कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया था कि वह अगले लोकसभा चुनावों में एनडीए का हिस्सा नहीं होगी। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीजेपी से अलग होने का प्रस्ताव रखा था।

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