Adani project : श्रीलंका में सरकारी बिजली आपूर्तिकर्ता सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (CEB) के एक अधिकारी का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। अधिकारी का ये बयान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और और उद्योगपति गौतम अडानी से जुड़ा हुआ है। दरअसल श्रीलंका की सरकारी बिजली कंपनी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने एक संसदीय पैनल के सामने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर श्रीलंका में अडानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना देने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर दबाव डाला था।
अधिकारी के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया जिसके बाद अब अधिकारी ने अपने बयान को वापस लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि फर्डिनांडो ने पिछले हफ्ते संसद की सार्वजनिक उद्यम समिति (सीओपीई) को बताया था कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने उन्हें बताया था कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर भारत के अडानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना देने का दबाव डाला था।
Gautam Adani news: राष्ट्रपति राजपक्षे ने किया अधिकारी के बयान का खंडन
वहीं राष्ट्रपति राजपक्षे ने फर्डिनांडो के बयान का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने मन्नार में किसी व्यक्ति या किसी संस्था को पवन ऊर्जा परियोजना देने का अधिकार कभी नहीं दिया। वहीं अडानी समूह के प्रवक्ता ने बयान जारी करके कहा है कि कंपनी इन झूठे आरोपों से बेहद नाराज है। सच्चाई यह है कि इस कंपनी को यह प्रोजेक्ट देने का फैसला पूरी तरह से श्रीलंका सरकार ने ही तय किया था।
Adani project: मन्नार और पोनेरिन में 500 मेगावाट का पवन ऊर्जा प्लांट लगाने का किया था सौदा
आपको बता दें कि कि दिसंबर में मन्नार और पोनेरिन में 500 मेगावाट का पवन ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए अडानी समूह से सौदा किया गया था। लेकिन तभी श्रीलंका में सीईबी के इंजीनियरों ने 1989 के सीईबी एक्ट में सरकार के संशोधन पर हड़ताल करने की धमकी देकर हंगामा खड़ा कर दिया।