शुक्रवार को गाजियाबाद की सीबीआई अदालत द्वारा लिए गए एक फैसले पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है। देश के सबसे खतरनाक निठारी कांड पर कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है जिसका इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था। कोर्ट ने नोएडा के निठारी कांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को सजा-ए-मौत सुनाई हैं।
गाजियाबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत लंबे समय से नोएडा के चर्चित केस निठारी कांड के जांच-पड़ताल में जुटी थी। शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने कोर्ट में दोनों आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया। सबूतों के मौजूदगी में हत्या के दोनों मुख्य आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई।
बता दे गुरुवार को दोनों आरोपियों मोनिंदर पंढेर और उसके नौकर कोली को अंजलि की हत्या का दोषी साबित कर दिया गया था, यह सजा 25 वर्षीय अंजिल के साथ पहले रेप करने और बाद में हत्या करने के अपराध में घोषित की गई है।
9 मामलों में मिली सजा
गाजियाबाद की डासना जेल में बंद सुरेंद्र कोली को जब गुरूवार को सीबीआई के विशेष अदालत में सुनवाई के लिए पेश किया गया, तो सुनवाई के दौरान आरोपी कोली लगातार सीबीआई की जांच को गलत ठहराता रहा। बहुचर्चित निठारी कांड -16 में से 8 मामलों पर दोनों आरोपियों की सजा पहले ही तय की जा चुकी हैं। अंजलि मर्डर केस से जुड़े 9वें मामलें में शुक्रवार को आईपीसी की धारा 302, 376, 364 के तहत सजा सुनाई गई। इस मामलें में आरोपियों को बचाने के लिए बचाव पक्ष सिर्फ 1 ही गवाह पेश कर पाया, जबकि सीबीआई ने 38 गवाह पेश किए। गवाहों की मौजूदगी में अंजलि मर्डर केस में आरोपियों की सजा तय की गई।
क्या है 9वां मामला
ये मामला नोएडा की निठारी सीरीज ऑफ कैसेज का 9वां केस है। यह मामला लगातार 11 सालों से कोर्ट में चल रहा हैं। जिसमें आज इतने सालों के बाद फैसला लिया गया हैं। 25 वर्षीय मृतका अंजलि कोठी में नौकरानी के रूप में काम करती थी। लेकिन एक दिन जब अचानक अंजलि कोठी के सामने से गायब हो गई। तब पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। जांच में कोठी से कपड़े और मानव खोपड़िया बरामद की गई। जब इसकी जांच फॉरेंसिक लैब से कराई गई, तब मृतक महिला की पहचान अंजलि के रूप में की गई।