UP Budget: उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में 2022-23 के लिए राज्य का वार्षिक बजट पेश किया है। नए बजट के तहत राज्य में वृद्ध संतों और पुजारियों के कल्याण की देखरेख के लिए एक बोर्ड बनाने की बात कही गई है। हालांकि विपक्ष ने Yogi 2.0 के पहले बजट की आलोचना की। योगी सरकार के बजट को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आंकड़ों का जाल बताया है। वहीं बसपा की मायावती ने कहा कि यह एक घिसी-पिटी कवायद है। उन्होंने कहा कि इस बजट में जनहित के उपायों का अभाव है।
हर मद में आवंटन किया गया कम: Akhilesh Yadav
बजट को आंकड़ों का ‘मकड़जाल’ करार देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह भाजपा सरकार का छठा बजट है और हर मद में आवंटन कम किया गया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी इसे समझता है। दोहरे इंजन वाली सरकार के तहत महंगाई दोगुनी हो गई है। सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि रोजगार चाहने वाले युवा निराश हैं। रोजगार आंकड़ों में दिखता है लेकिन हकीकत में नहीं।

समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा कि सरकार बेरोजगारी की बात तो करती है लेकिन आंकड़े नहीं देती। उन्होंने आगे कहा कि सरकार गरीबों के लिए और राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए योजनाएं चलाने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार ने गन्ना बकाया के भुगतान के बारे में बात की, लेकिन यह उल्लेख नहीं किया कि कितना बकाया है और कब भुगतान किया जा सकता है।

बजट में विश्वसनीयता की कमी: मायावती
वहीं सपा के साथ-साथ बसपा ने भी बजट की जमकर आलोचना की है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कहा कि राज्य के बजट में विश्वसनीयता की कमी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों के जीवन में ‘अच्छे दिन’ लाने के लिए तथाकथित डबल इंजन सरकार को प्राथमिकता के आधार पर बुनियादी काम कहां होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जब स्पष्ट इरादे की कमी होगी तो ऐसी नीति कैसे बनेगी? लोगों को बेवकूफ बनाने का यह खेल कब तक चलता रहेगा?
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