इन दिनों देश में प्रदूषण ने विकराल रूप धारण कर रखा हैं, जिसकी वजह से देश के लाखों लोगों की जान संकट में आ गई हैं। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में प्रदूषण का कहर सबसे ज्यादा देखा जा रहा था। जिस वजह से दिल्ली के लोगों को अपने ही घरों में कैद होने को मजबूर होना पड़ गया था। सिर्फ दिल्ली ही नहीं देश के अन्य कई शहरों में प्रदूषण ने लोगों का जीवन संकट में डाल रखा हैं। जिसका मुख्य कारण वाहनों से फैलने वाले धुएं को माना जा रहा हैं। लेकिन अब जल्द ही देश को इस जानलेवा प्रदूषण से छुटकारा मिल सकता है।
देश को प्रदूषणमुक्त करने के लिए ‘नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान’ अगले तीन वर्षों में 7 मिलियन(70 लाख) इलेक्ट्रिक कार बनाने की योजना पर विचार कर रहा हैं। जिससे संभव हैं कि आने वाले 12 सालों में सड़कों पर सिर्फ इलेक्ट्रिक यानी बिजली से संचालित गाड़ियां ही सड़कों पर चलती नजर आएं।
डीजल/पेट्रोल चालित गाड़ियां हो जाएंगी बैन-
सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माण के लिए ‘प्लान 2030’ तैयार किया है। नीति आयोग की ओर से डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को हमेशा के लिए प्रतिबंधित करने की योजना बनाई जा रही हैं। ऐसी संभावना है, कि वर्ष 2030 के बाद भारतीय जनता पेट्रोल और डीजल से चालित गाड़ियों को कभी न देख पाएं।
तेल आयात पर रोक लगाने में सहायक-
भारत सरकार अपने इस प्लान के जरिए देश में बिजली से संचालित वाहनों के उपयोग को चलन में लाना चाहती हैं। इससे लाभ ये होगा कि तेल द्वारा चालित वाहनों पर रोक लगाकर तेल आयात करने की झंझट से बचा जा सकेगा। मौजूदा समय में भारत तेल को बड़ी मात्रा में दूसरे देशों से आयात करता है, इलेक्ट्रिक कारों के उपयोग से तेल पर निर्भरता को कम करके तेल आयात के खर्चे से बचा जा सकेगा।
प्रदूषण पर लगाम कसना है मकसद-
भारत सरकार ‘प्लान 2030’ के जरिए प्रदूषण पर नकेल कसने की तैयारियों में जुट चुकी हैं। देश में लगातार बढ़ता प्रदूषण जनता की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा हैं। सरकार को पूरी उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से प्रदूषण को कम किया जा सकेंगा।
नागपुर में है देश का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन-
इंडियन ऑयल कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए पहला चार्जिंग स्टेशन नागपुर के फ्यूल स्टेशन पर खोल दिया है। यह स्टेशन ओला कंपनी के सहयोग से खोला गया है। इस चार्जिंग स्टेशन को स्थापित करने के बाद नागपुर, इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन मॉडल पेश करने वाला भारत में पहला शहर बन गया है।